तेलंगाना में हुए विधानसभा चुनाव के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने केसीआर को लेकर सॉफ्ट कॉर्नर दर्शाना शुरू कर दिया है. चुनाव से पहले टीआरएस पर आरोप लगाने वाली भाजपा अब साथ मे आना चाहती है. कल तक टीआरएस को फैमिली पार्टी बताने वाली बीजेपी के सुर मतदान के बाद बदल गए हैं. भाजपा ने कहा है कि अगर 11 दिसंबर को काउंटिंग के बाद तेलंगाना में त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति बनती है तो पार्टी सरकार बनाने के लिए टीआरएस को समर्थन देगी
हालांकि वोटिंग के बाद 24 घंटे से भी कम समय में स्टैंड बदलने के बाद बीजेपी ने एक शर्त भी रखी है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के लक्ष्मण ने मीडिया में बताया है कि अगर तेलंगाना में त्रिशंकु विधानसभा बनी तो उनकी पार्टी सरकार बनाने के लिए टीआरएस को समर्थन देगी, हालाँकि उन्होंने यह भी कहा कि हमारी पार्टी ऐसी सरकार को समर्थन देना चाहती है जिसमें कांग्रेस और एआईएमआईएम शामिल न हो.
हालांकि टीआरएस और ओवैसी की एआईएमआईएम में आधिकारिक रूप से गठजोड़ नहीं हैं, लेकिन दोनों ही चुनाव से पहले सार्वजनिक तौर पर आपसी दोस्ती की बात स्वीकार चुके हैं. ओवैसी ने मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में टीआरएस के प्रत्याशियों के लिए प्रचार भी किया है.