गंगा की सहायक नदियों के भी स्वच्छ और संरक्षित करने की योजना के तहत वरुणा नदी के उद्धार का भी जल्द ही काम शुरू होगा। वरुणा नदी के लिए पिछले दिनों तैयार कार्ययोजना को डीएम संजय कुमार खत्री ने शुक्रवार को हरी झंडी दिखा दी। वरुणा का उद्गम प्रयागराज, प्रतापगढ़ व जौनपुर की सीमा स्थित मैलहन झील से हुआ है। प्रयागराज में यह नदी लगभग 45 किमी क्षेत्र से होकर वाराणसी जाती है।
डीएम ने नदी के उद्धार के लिए शीघ्र काम शुरू कराने का दिया निर्देश
संगम सभागार में जिला पर्यावरण तथा पौधारोपण समिति की बैठक में डीएम ने सबसे पहले वरुणा नदी को फिर से उसके पुराने स्वरूप में लाने के लिए तैयार की गई कार्ययोजना के बारे में जानकारी ली। इसके तहत नदी की साफ-सफाई कराई जाएगी। कुछ स्थानों पर खोदाई भी होगी। खोदाई से निकली मिट्टी से बंधा बनाया जाएगा, पौधे रोपे जाएंगे। वरुणा नदी के दोनों के आसपास पांच सौ मीटर तक के प्राकृतिक नालों व तालाबों की सफाई कराई जाएगी। वहां पौधारोपण भी होगा।
पौधारोपण के लिए इसी माह गड्ढा खोदाई का काम करें पूरा
डीएम ने पौधारोपण अभियान को लेकर कहा कि सभी विभाग निर्धारित लक्ष्य के अनुसार अभी से अपनी तैयारी पूरी कर लें। गड्ढा खोदाई का काम मई तक पूरा करने के लिए कहा। जहां भी पौधारोपण कराया जाएगा, उन स्थानों की सूची भी तैयार करने के निर्देश दिए। अभियान में फलदार पौधे ज्यादा लगाने को कहा। डीएम ने नगर निगम और नगर पंचायतों में ठोस अपशिष्ट के सुरक्षित निस्तारण की स्थिति की भी समीक्षा की। इस दौरान सीडीओ शिपू गिरि भी मौजूद रहे।