जम्मू-कश्मीर में हुई बर्फबारी तो उत्तर भारत में बढने लगेगी गर्मी, मौसम विभाग ने दी चेतावनी

तेजी से बदलते मौसम के बीच के राजधानी दिल्ली में पिछले दो-तीनों से तेज हवाएं चलने से लोगों को गर्मी से थोड़ी राहत जरूर मिली हुई है, लेकिन आने वाले दिनों में दिल्ली सहित उत्तर भारत के ज्यादातर हिस्सों में भीषण गर्मी के आसार जताए जा रहे हैं। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार अगले तीन से चार दिन में तापमान में 3 डिग्री की बढ़ोतरी होगी। तापमान में यह बढ़ोतरी एकदम से न होकर धीरे-धीरे कई दिनों में देखी जाएगी। इसके साथ ही मौसम विभाग ने बताया कि राजस्थान के कुछ इलाकों में लू चलने के आसार बने हुए हैं।

जम्मू-कश्मीर में भारी बर्फबारी 

जम्मू-कश्मीर में भारी बर्फबारी हो रही है। राजौरी जिले में पीर पंजाल पर्वत श्रृंखला के पास मुगल रोड पर बर्फ की निकासी चल रही है। ताजा बर्फबारी के बाद मुगल रोड, जो दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले को राजौरी और पुंछ से जोड़ती है वह बर्फ की परतों से ढक दिया है।

अप्रैल-मई और जून में भीषण गर्मी के आसार

बता दें कि आइएमडी ने पहली ही भविष्यवाणी कर दी थी अप्रैल-मई और जून में भीषण गर्मी पड़ने वाली है। अनुमान के हिसाब से राजस्थान, गुजरात और इससे सटे राज्यों में अप्रैल में ही पारा 40 पार जा सकता है। तो वहीं दक्षिण भारत में  भी जमकर गर्मी पड़ने के आसार जताए जा रहे हैं।

मध्य प्रदेश में रात का पारा गिरा

हवाओं का रूख लगातार परिवर्तनशील बने रहने से मध्य प्रदेश में दिन और रात के तापमान में उतार-चढ़ाव का सिलसिला बना हुआ है। शुक्रवार को भोपाल सहित प्रदेश में अधिकांश जिलों में अधिकतम तापमान बढ़ गया। उधर, एक पश्चिमी विक्षोभ के उत्तर भारत में दाखिल होने की संभावना बनी हुई है। जिसको देखते हुए  4 अप्रैल को मौसम के मिजाज में फिर बदलाव होने के आसार जताए जा रहै हैं।

भोपाल में अधिकतम तापमान में गुरुवार के मुकाबले शुक्रवार को दो डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी दर्ज हुई, वहीं न्यूनतम तापमान में गुरुवार के मुकाबले 4.4 डिग्री सेल्सियस की कमी (तापमान 17.4 डिग्री सेल्सियस) दर्ज की गई। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक वर्ष 2013 के बाद अप्रैल में यह सबसे कम न्यूनतम तापमान है। 21 अप्रैल 2013 को न्यूनतम तापमान 17.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। अभी दो दिन तक मौसम का मिजाज इसी तरह बना रहने की संभावना है।

मौसम विज्ञानी जेपी विश्वकर्मा ने बताया कि वर्तमान में कोई वेदर सिस्टम सक्रिय नहीं है। हवा का रूख बार-बार बदल रहा है। विशेषकर शाम ढलने के बाद हवा का रख उत्तरी हो जाने से राजधानी सहित प्रदेश के अधिकांश जिलों में न्यूनतम तापमान में गिरावट होने लगती है। सुबह के बाद हवा की दिशा दक्षिण-पश्चिमी हो जाने से अधिकतम तापमान बढ़ रहा है।

 

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