जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रही बर्फबारी जानलेवा साबित हो रही है. कुपवाड़ा के माछिल सेक्टर में हिमस्खलन के कारण 3 जवान शहीद हो गए हैं, वहीं एक जवान अभी भी लापता है. माछिल सेक्टर में सेना की कई चौकियां हिमस्खलने की चपेट में आई हैं.

सेना के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक ऐसी ही एक चौकी में सेना के 5 जवान फंसे हुए हैं. यही नहीं, घाटी में हिमस्खलन की चपेट में आने से 5 लोगों के भी मरने की खबर है. सेना के सूत्रों के मुताबिक रामपुर और गुरेज सेक्टर में हिमस्खलन की कई घटनाओं की सूचना है.
सेना के सूत्रों के मुताबिक, पिछले 48 घंटों में हुई भारी बर्फबारी के कारण, उत्तरी कश्मीर में कई जगह हिमस्खलन की घटनाएं सामने आई हैं. इनमें 3 सैनिकों ने अपनी जान गंवाई है जबकि एक अभी भी लापता है. सेना के सूत्रों के मुताबिक, हिमस्खलन में फंसे कई जवानों को बचाया भी गया है.
इसके अलावा मध्य कश्मीर के गांदरबल जिले में सोनमर्ग के गग्गेनेर क्षेत्र के पास कुलान गांव में हिमस्खलन की चपेट में आने से 5 लोगों की मौत हो गई और कई घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं. हालांकि, सेना ने इस इलाके में भी अपना बचाव अभियान शुरू कर दिया है. यह इलाका श्रीनगर से सड़क से कटा हुआ है, यही कारण है कि बचाव दल को यहां पैदल ही पहुंचना पड़ा है.
कुछ दिन पहले 7 जनवरी को जम्मू और कश्मीर में एलओसी के पास पुंछ जिले में हिमस्खलन हुआ था, जिसमें सेना के एक पोर्टर की मौत हो गई. वहीं तीन अन्य पोर्टर घायल हो गए थे. पुंछ जिले में 7 जनवरी की रात बर्फीला तूफान आया था. इस दौरान पोस्ट पर तैनात पोर्टर इसकी चपेट में आ गए थे.
इससे पहले भी 3 दिसंबर 2019 को उत्तरी कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास हिमस्खलन की दो अलग-अलग घटनाओं में सेना के चार जवान शहीद हो गए थे. कश्मीर के तंगधार सेक्टर में सेना की एक चौकी मंगलवार को हिमस्खलन की चपेट में आ गई थी, जिसमें तीन सैनिक शहीद हो गए थे. इससे पहले गुरेज सेक्टर में एक गश्ती दल बर्फीले तूफान में फंस गया था और सेना का एक जवान शहीद हो गया था.
सेना ने कहा था कि बचाव और चिकित्सा टीमों के बेहतरीन प्रयासों के बावजूद, चार सैनिकों ने जान गंवा दी. सेना ने कहा कि बचाव दल दोनों घटनाओं में सभी जवानों के पार्थिव शरीर को बरामद करने में कामयाब रहा था.
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