धारा 370 और अनुच्छेद 35A हटाए जाने के बाद अब पूरे देश की नज़रें जम्मू कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव पर टिकी हुई हैं. निर्वाचन आयोग के सूत्रों की मानें तो जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव 2021 में ही हो सकेगा. कारण है जम्मू कश्मीर में होने वाला परिसीमन. चुनाव आयोग के सूत्रों के अनुसार गृह मंत्रालय से हरी झंडी मिलने और परिसीमन आयोग का गठन होने के बाद परिसीमन की प्रकिया में कम से कम 10 से 15 महीने का समय लग सकता है.
ये प्रक्रिया 31 अक्टूबर के बाद ही आरंभ हो सकेगी. लेकिन निर्वाचन आयोग ने परिसीमन के लिए पूरा खाका तैयार कर लिया है. निर्वाचन आयोग जम्मू कश्मीर में परिसीमन के लिए 2000- 2001 में उत्तराखंड में किए गए परिसीमन को आधार बनाएगा. लगभग 10 चरणों में परिसीमन का ये काम पूरा होगा. जम्मू कश्मीर में इससे पहले 1995 में परिसीमन हुआ था. जिसके अनुसार वहां विधानसभा की कुल 111 सीटें थीं.
अब लद्दाख के अलग केंद्र शाषित प्रदेश बनने के बाद 4 सीटें कम हो जाएगी. यानि अब जम्मू कश्मीर विधानसभा में कुल 107 सीटें रह जाएंगी. चुनाव आयोग के सूत्रों के अनुसार परिसीमन के बाद जम्मू कश्मीर में विधानसभा की 7 सीटें बढ़ जाएगी. जिसके बाद जम्मू कश्मीर में कुल विधानसभा की सीटों का आंकड़ा 114 हो जाएगा. जिनमें से 24 विधानसभा सीटें POK के लिए आरक्षित रहती हैं. इसका मतलब स्पष्ट है कि जम्मू कश्मीर में अगले विधानसभा चुनाव 90 सीटों पर आयोजित किए जाएंगे.