आज भी दुनिया के कई मुल्कों में लोकतंत्र की खातिर जन आंदोलनों का दौर और बहस जारी है। अगर बीते एक दशक की बात करें तो दुनिया के कई मुल्कों में लोकतंत्र के आंदोलन सफल हुए। इन मुल्कों में लोकतंत्र की स्थापना हुई। हालांकि, व्यवस्था के इस बदलाव में एशिया और अफ्रीका महाद्वीप के कई मुल्क अभी बहुत पीछे हैं। यहां बीच-बीच में लोकतंत्र के लिए आवाज उठती रहती है। संयुक्त राष्ट्र ने भी दुनिया में जन के तंत्र की स्थापना के लिए कई अहम कदम उठाए। संयुक्त राष्ट्र का मानना है कि मानवाधिकार के बगैर लोकतंत्र की कल्पना अधूरी है। इस दिशा में अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस एक मजबूत पहल माना गया। आइए जानते हैं, संयुक्त राष्ट्र की यह पहल कब से शुरू हुई। दुनिया के किन मुल्कों ने एक दशक में अपने यहां लोकतंत्र की स्थापना की। इसके साथ भारत की प्राचीन लोकतांत्रिक व्यवस्था के बारे में।
संयुक्त राष्ट्र की महापहल
दरअसल, लोकतंत्र एवं लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के मकसद से वर्ष 2007 काफी अहम है। इसी वर्ष संयुक्त राष्ट्र महासभा ने लोकतंत्र की अहमियत को बताते हुए अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस मनाने का फैसला किया था। इसके लिए कई बैठकों का दौर चला। सबसे पहले सितंबर 1997 में अलग-अलग देशों की संसदों के संगठन अंतरसंसदीय संघ ने लोकत्रंत को वैश्विक आधार देने के लिए प्रस्ताव तैयार किया। इसके बाद 1998 में फिलीपींस में इंटरनेशनल रिस्टोर डिमोक्रेसी के सम्मेलन में इस पर विचार किया गया।