डेढ़ साल के कोरोनाकाल में बंद पड़ी स्कूल बसें फिर से शुरू हो गई हैं, जिनमें विद्याथियों को ले जाया जा रहा है। बुधवार से कालेज भी शुरू हो रहे हैं। अब परिवहन विभाग ने इनकी सुध ली है। परिवहन विभाग ने शहर के सभी शैक्षणिक संस्थानों को पत्र जारी करते हुए कहा कि वे अपनी बसों के फिटनेस प्रमाण पत्र अनिवार्य रूप से ले और बसों का टैक्स भी भरें। इस बात का ध्यान रखे कि बसें सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन करती हो।
आरटीओ जितेन्द्र सिंह रघुवंशी ने बताया कि हमने संस्थानों को पत्र लिखा है। उन्हें कहा गया-“वे यह ध्यान रखे कि बसें पूरी तरह से नियमों को पालन करे। खडी बसों को फिर शुरू करने के पहले उनका सही मेंटेनेंस जरूरी है। जिन बसों का फिटनेस खत्म हो गया है। वे उसका फिटनेस प्रमाण पत्र भी ले लें। इन संस्थानों में जल्द ही जाकर बसों की जांच का अभियान शुरू किया जाएगा। इसमें बसों में फिटनेस सहित अन्य मापदंडों की जांच होगी, जिस बस में कमी पाई जाती है उसे जब्त करने की कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि शासन के आदेश के बाद छठी से 12 वीं तक के स्कूल खुल गए हैं जबकि बुधवार से कालेजों में भी ऑफलाइन पढ़ाई शुरू हो जाएगी।
उधर कई संस्थान बच्चों के आने-जाने की जिम्मेदारी पालकों पर डाल चुके हैं, वहीं कुछ स्कूल बसें शुरू कर चुके हैं। करीब डेढ़ साल से स्कूलों का संचालन बंद था, इसलिए बसें भी नहीं चल रही थी, इस दौरान कई बसों का फिटनेस प्रमाणपत्र खत्म हो चुका है। साथ ही बसें बंद होने से उनका मेंटेनेंस भी जरूरी है। इसे देखते हुए नोटिस में सभी स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं कि वे सभी बसों का पूर्ण परीक्षण करने के बाद ही उन्हें बच्चों को लाने और ले जाने के लिए इस्तेमाल करें।
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