उत्तर प्रदेश के डिग्री कॉलेजों में फर्जी प्रवेश रोकने, पठन-पाठन दुरुस्त करने और नकलविहीन परीक्षा कराने के लिए छात्र-छात्राओं की कक्षा में उपस्थिति पर जोर दिया जा रहा है। उपस्थिति सिर्फ कागजी खानापूर्ति तक सीमित न रहे उसके लिए कक्षा का औचक निरीक्षण होगा। निरीक्षण में हाजिरी रजिस्टर की जांच होगी। कक्षा में मौजूद छात्र-छात्राओं का मिलान किया जाएगा। साथ ही सीसीटीवी फुटेज की पड़ताल करके पता लगाया जाएगा कि कौन कक्षा में है और कौन नहीं। अगर छात्र-छात्रा के बिना कक्षा में आए हाजिरी लगी मिली तो संबंधित कक्षा अध्यापक, प्राचार्य व प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
वित्त पोषित व स्ववित्त पोषित कॉलेजों में फर्जी प्रवेश व नकल कराने की शिकायत अक्सर आती है। छात्र-छात्रा प्रवेश लेकर सिर्फ परीक्षा के समय कॉलेज जाते हैं। घर बैठे उनकी हाजिरी लगती रहती है। परीक्षा में पैसा देकर नकल करके पास हो जाते हैं, जबकि कइयों की कापी ही परीक्षा में दूसरा व्यक्ति लिखता है। इस व्यवस्था को खत्म करने के लिए उच्च शिक्षा निदेशालय हर छात्र-छात्रा की सालभर में कक्षा में 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य करने का नियम कड़ाई से लागू कराएगा। हर विश्वविद्यालय से उनसे संबंधित डिग्री कॉलेजों में पठन-पाठन दुरुस्त कराने का निर्देश दिया गया है। साथ ही हाजिरी छात्र-छात्राओं के आने पर ही लगाई जाए, बिना आए किसी की हाजिरी न लगे। विद्यार्थी कॉलेज माह में कितने दिन जा रहे हैं उसकी औचक पड़ताल होगी।
शिक्षा निदेशालय व विश्वविद्यालय की टीम औचक निरीक्षण करके उपस्थिति देखेगी। रजिस्टर के साथ कॉलेज में लगे सीसीटीवी फुटेज के जरिए एक-एक विद्यार्थी की पहचान की जाएगी। बिना आए हाजिरी लगाने पर संबंधित कक्षा अध्यापक का उस दिन का वेतन काटा जाएगा, जबकि प्राचार्य व प्रबंधन को कारण बताओ नोटिस दी जाएगी। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. डीपी शाही का कहना है कि हर कॉलेज में 75 प्रतिशत हाजिरी अनिवार्य है। इसे कड़ाई से लागू कराने के लिए नियमित रूप से जांच कराई जाएगी। अगर फर्जी हाजिरी मिली तो कक्षा अध्यापक, प्राचार्य व कालेज प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।