लोकसभा चुनावों में बीजेपी के लिए सबसे कड़ा मुकाबला उत्तर प्रदेश में होने की उम्मीद है। बीते लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने यहां से अस्सी में से सबसे ज्यादा 71 सीटें जीती थी। इस बार राज्य में सपा-बसपा का गठबंधन होने की प्रबल संभावना है। ऐसा होने पर भाजपा के लिए चुनाव बेहद कड़ा हो जाएगा। पार्टी ने सभी संभावित परिस्थितियों को देखते हुए अपनी चुनावी तैयारी को चाक-चौबंद करना शुरू कर दिया है।
बीजेपी (BJP) नेतृत्व लोकसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश में विशेष योजना पर काम कर रहा है। राज्य में पार्टी एक चुनाव प्रभारी और छह क्षेत्रीय प्रभारियों के साथ मैदान में उतरेगी। पार्टी ने एक दिन पहले घोषित किए गए तीन प्रभारियों के बार में साफ किया है कि वे क्षेत्रीय प्रभारी होंगे। अभी तीन क्षेत्रीय प्रभारी तथा एक चुनाव प्रभारी और घोषित किए जाने हैं।
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने हाल में 2019 लोकसभा चुनाव को देखते हुए यूपी समेत 18 राज्यों में प्रभारी/ सहप्रभारी नियुक्त कर दिए। उत्तर प्रदेश में इस बार नई टीम बनाई गई है, जिसमें गोवर्धन झड़पिया को प्रभारी के साथ नरोत्तम मिश्रा और दुष्यंत गौतम को सह प्रभारी बनाया गया है। बिहार में भूपेंद्र यादव, उत्तराखंड में थावरचंद गहलोत और झारखंड में मंगल पांडे चुनाव प्रभारी बनाए गए हैं।
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अन्य राज्यों में आंध्र प्रदेश में वी मुरलीधरन को चुनाव प्रभारी, सुनील देवधर को सह प्रभारी नियुक्त किया गया है। असम में उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री महेंद्र सिंह, हिमाचल प्रदेश में तीरथ सिंह रावत, मणिपुर और नागालैंड में नलिन कोहली, पंजाब और चंडीगढ़ में हरियाणा के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु, तेलंगाना में अरबिंद लिंबावली, सिक्किम में नितिन नवीन को जिम्मेदारी दी गई है।