पाकिस्तान के जरिए चीन अपनी बरबादी से बचने के लिए ही अब हिंदुस्तान से कह रहा है कि War छोड़ ना यार। जी हां दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कड़े रुख को देखते हुए अब पाकिस्तान को सह देने वाला चीन भी बचाव बचाव की मुद्रा में आ गया है। चीन अब भारत के रुख का समर्थन करते हुए कह रहा है कि हम हर तरह के आतंकवाद का विरोध करते हैं। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने कहा कि हम ना सिर्फ आतंकवाद का विरोध करते हैं बल्कि इसकी कड़े शब्दो में निंदा भी करते हैं। चीन का साफ तौर पर कहना है हम कश्मीर में बढ़ते तनाव को लेकर चिंतित हैं। चीन ने हिंदुस्तान और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि वो इस मसले को ठंडे दिमाग से सुलझाए।
चीन ने उम्मीद जताई है कि भारत और पाकिस्तान दोनों ही देश अपने आपसी मतभेद को भुलाकर बातचीत और विचार विमर्श के जरिए इस मसले का हल तलाशेंगे और आतंकवाद पर रोक लगाएंगे। चीन का मानना है कि सिर्फ आपसी सहमति से ही दोनों देशों में शांति बहाली हो सकती है। साथ ही, सुरक्षा भी स्थापित की जा सकती है। अब जरा ये भी समझ लीजिए कि हमेशा भारत के खिलाफ आग उगलने वाला चीन आज इतनी सॉफ्ट भाषा का इस्तेमाल क्यों कर रहा है। दरअसल चीन को पता है कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व वाली भारत की सरकार ने पाकिस्तान पर हमला कर दिया तो उसके कम से कम 50 अरब डॉलर डूब जाएंगे और चीन पूरा का पूरा तबाह हो जाएगा।
चीन ने अपना बहुत पैसा पाकिस्तान में लगा रखा है। हमले की सूरत में चीन का पूरा का पूरा पैसा डूब जाएगा। जिससे पाकिस्तान के साथ चीन की तबाही भी पक्की है। पाक अधिकृत कश्मीर और बलूचिस्तान से होकर गुजरने वाले चीन-पाकिस्तान इकॉनोमिक कॉरीडोर पर चीन ने करीब 50 अरब डॉलर रुपया लगाया हुआ है। चीन को पता है कि भारत की एक भी सैन्य कार्रवाई ना सिर्फ उसके 50 अरब डॉलर के निवेश को बरबाद कर देगा बल्कि चीन को मिडिल ईस्ट से जोड़ने वाले सभी रास्ते भी उसके लिए बंद हो जाएंगे। ऐसे में उसकी सारी की सारी प्लॉनिंग धरी की धरी रह जाएगी। यही वजह है कि चीन उरी अटैक के बाद ना सिर्फ हिंदुस्तान के प्रति नरम रुख अपनाए हुए है बल्कि वो पाकिस्तान को भी फटकार रहा है।