भारत और चीन के बीच विवाद का असर व्यवसाय पर भी देखने को मिल रहा है. कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने चीन भारत छोड़ो अभियान की शुरुआत की है. कैट के महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, ‘केंद्र सरकार से मैं चीन के सामान के आयात पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह करता हूं. देश के स्वाभिमान और सुरक्षा के लिए अब केंद्र सरकार को तुरंत भारत में आने वाले चीनी सामान पर रोक लगा देनी चाहिए.’
प्रवीण खंडेलवाल ने आगे कहा, ‘भारत की विभिन्न कंपनियों में चीनी निवेश, चीन की अनेक डिजिटल ऐप, सरकारी प्रोजेक्टों में चीन की हिस्सेदारी और विभिन्न संवेदनशील निर्माण कार्यों में चीन की कंस्ट्रक्शन मशीनरी पर तुरंत प्रतिबंध लगाकर भारत में चीन की घेराबंदी करनी चाहिए.’
देशभर के अलग-अलग राज्यों की 600 जगहों पर कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने सड़कों पर बैठकर विरोध-प्रदर्शन किया. साथ ही चीनी सामान को लेकर मजबूती से विरोध जताया.
कैट के सदस्यों ने सड़कों पर बैठकर विरोध किया और अपने हाथ में चीन को सीधा संदेश देने वाले प्लेकार्ड पकड़ कर चीनी सामान को लेकर मजबूती से विरोध जताया. साथ ही चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और चीन के झंडे को जलाकर यह संदेश दिया कि भारत के लोग अब चीन की दादागिरी को और अधिक बर्दाश्त नहीं करेंगे.
प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, ‘चीनी सामान का बहिष्कार कर ही अब दम लेंगे और बीते 20 सालों में चीन ने जिस प्रकार से भारत के रिटेल व्यापार पर अपना अधिकार जमाने की कोशिश की है, उसका पर्दाफाश करते हुए देश के लोग पूर्ण रूप से अब चीनी सामानों का बहिष्कार करेंगे.’
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, ‘आईपीएल शुरू होने से पहले चीनी कंपनी वीवो के खिलाफ कैट ने जो मोर्चा खोला था उसको देखते हुए वीवो कंपनी ने खुद को आईपीएल से अलग कर लिया था.’
इसके साथ ही प्रवीण खंडेलवाल का ये भी कहना था, ‘कैट के सुझाव पर सरकार ने 59 चीनी ऐप को प्रतिबंधित किया है और उसी तर्ज पर लगभग 30 और चीनी ऐप अभी भी देश में चल रही हैं.
ऐसी बची हुई चीनी ऐप को भी सरकार को प्रतिबंधित करना चाहिए. चीन द्वारा बड़ी संख्या में भारतीय स्टार्टअप में बड़ा निवेश किया है, ऐसे सभी स्टार्टअप को कहा जाए कि वो चीनी निवेशकों को बाहर करें.’