बीजिंग। चीन आपने सबसे बड़े अतंरिक्ष मिशन को शुरू कर रहा है। अगले महीने वो एक स्पेश शटल लॉन्च करने वाला है।
चीन ने अगले महीने अपनी अंतरिक्ष उड़ान का प्रक्षेपण देखने के लिए पाकिस्तान, जर्मनी, फ्रांस, इटली, रूस और यूरोपीय संघ के वैज्ञानिकों को आमंत्रित किया है।
विमान में जाएंगे दो अंतरिक्ष यात्री
चीन अपने दो अंतरिक्षयात्रियों को अंतरिक्ष भेजेगा, जो वहां कक्षा में स्थापित उसकी अंतरिक्ष प्रयोगशाला में पहुंच जाएंगे। हॉन्गकॉन्ग के साउथ चाइना मार्निंग पोस्ट अखबार की खबर के अनुसार वैज्ञानिकों को अगले महीने चीन के इनर मंगोलिया क्षेत्र से शेनझोउ 11 कैपसूल (यान) के प्रक्षेपण का साक्षी बनने के लिए आमंत्रित किया गया है।
पाकिस्तान की मदद करता रहा है चीन
अंतरिक्ष यान लोंग मार्च 2एफ रॉकेट के सहारे प्रक्षेपित किया जाएगा। यह रॉकेट शनिवार रात प्रायोगिक अंतरिक्ष प्रयोगशाला तियागोंग-2 को बिना किसी दिक्कत के कक्षा में भेजने वाले रॉकेट की ही तरह है।
तियानगोंग-2 के प्रक्षेपण का सरकारी टीवी पर सीधा प्रसारण किया गया था। चीन पाकिस्तान को उसके अंतरिक्ष कार्यक्रम में मदद देता रहा है। उसने 2011 में पाकिस्तान के संचार उपग्रह पाकसैट-1आर का प्रक्षेपण किया था।
2018 में उपग्रह लॉन्च करेंगे पाक चीन
इस्लामाबाद से हाल में मिली खबरों के अनुसार दोनों देशों ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) की निगरानी की खातिर 2018 में एक दूरसंवेदी उपग्रह के प्रक्षेपण के लिए करार किया है।
सरकारी टीवी चैनल सीसीटीवी पर गुरुवार रात एक टिप्पणीकार ने कहा कि जर्मनी, फ्रांस, रुस और यूरोपीय संघ के वैज्ञानिकों को निमंत्रित करना अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम में चीन के बढ़ते भरोसे को दिखाता है।
30 दिनों तक अंतरिक्ष में रहेंगे दोनों यात्री
दोनों अंतरिक्षयात्री कक्षा में स्थित प्रयोगशाला में 30 दिन बिताएंगे। इससे पहले तियानगोंग-1 पर चीनी अंतरिक्षयात्रियों ने करीब 15 दिन बिताए थे और 40 अध्ययन किए थे। प्रयोगशाला का निर्माण चीन का 2022 तक अपने मानवयुक्त अंतरिक्ष स्टेशन के निर्माण की कोशिशों का हिस्सा है। 2022 तक अमेरिका के नेतृत्व वाले अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की कार्यावधि समाप्त होने की संभावना है।