रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लद्दाख दौरे के दौरान लुकुंग में गलवान के उन जांबाज सैनिकों से मिले जो चीन के साथ हिंसक झड़प में घायल हो गए थे.

इन सैनिकों में कई अब पूरी तरह से स्वस्थ हो चुके हैं और अपनी ड्यूटी पर लौट गए हैं. 76 जख्मी सैनिकों में 18 लेह में थे. इन सभी 18 सैनिकों को लेह हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया गया है.
बाकी के 58 सैनिकों को अलग-अलग हॉस्पिटल में रखा गया है. सूत्रों का कहना है कि ज्यादातर सैनिकों ने ड्यूटी जॉइन कर ली है लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जो छुट्टी पर हैं.
इस दौरे पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने फॉरवर्ड पोस्ट पर पहुंच कर कुछ खास अंदाज में जवानों को हौसला बढ़ाया. उनकी जांबाजी को सराहा. उनके शौर्य को सलाम किया.
उनकी पीठ थपथपाई, उन्हें मिठाई खिलाई. लद्दाख दौरे पर पहुंचे रक्षा मंत्री ने लेह के करीब स्टानका में भारतीय सेना के शौर्य और पराक्रम को बेहद नजदीक से देखा.
एक तरफ सीडीएस जनरल बिपिन रावत और दूसरी तरफ आर्मी चीफ मनोज मुकुंद नरवणे और बीच में मशीनगन से निशाना साधते रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह नजर आए.
एलएसी पर दौरे के बाद रक्षा मंत्री अगले दिन यानि 18 जुलाई को एलओसी पर पहुंचे. यहां कुपवाड़ा का फॉरवॉर्ड पोस्ट भारत माता की जय के उद्घोष से गूंज उठा. चिनार कॉर्प्स के कमांडर ने पाकिस्तान के खिलाफ सेना की मुस्तैदी और तैयारियों की एक-एक जानकारी दी.
बता दें, पैरा कमांडोज को ऊंचे पहाड़ी इलाकों, मसलन गलवान घाटी, पैंगॉन्ग लेक और दौलत बेग ओल्डी में युद्ध के लिए तैनात किया गया है.
उनकी तैनाती तब तक जारी रहेगी, जब तक चीन वादे के मुताबिक पूरी तरह पीछे नहीं हट जाते. सिर्फ लद्दाख की नहीं है बल्कि लद्दाख में दौलत बेग ओल्डी से लेकर अरुणाचल प्रदेश में किबिथू तक हिंदुस्तान के 20 हजार जांबाज की निगहबानी हमारी सरहदों को चीन से बचा रही है और चीन को खबरदार भी कर रही है. इन्हीं जांबाजों से रक्षा मंत्री ने मिलकर उनका हौसला बढ़ाया और बताया कि पूरा देश उनके साथ खड़ा है.
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