ऐसा क्या है जो भारत को विश्व में सबसे अलग और सुंदर देश बनाता है? इसकी प्राकृतिक सुंदरता या इसका विशाल इतिहास? नहीं! विविधता में एकता ही भारत को एक खूबसूरत मुल्क बनाती है। भारत के लोग धार्मिक दुश्मनी होने के बाद भी मुल्क के लिए एक साथ खड़े रहते हैं जो देश की सुंदरता को चार चांद लगाता है।
भारत में लगभग हर मील के बाद यहां रहने वाले लोगों की भाषा बदल जाती है लेकिन देश में एकता भावना सभी में समान रूप से होती है। यहां राजनीतिक पार्टियों द्वारा धार्मिक एकता को तोड़ने की कोशिश की जाती रही है। लेकिन ये पार्टियां हर बार ही राष्ट्रीय एकता को तोड़ने नाकामयाब रही हैं। एक इंसान जो कि हिंदू, मुस्लिम, क्रिश्चियन या अन्य धर्मों में जन्म लेता है, लेकिन भारत में जन्म लेने से पहले ही वो एक भारतीय होता है।
भारत में हर धर्म, जात-पात से जुड़े लोगों को पूरा सम्मान किया जाता है। लेकिन दुनिया के हर देश में ऐसा नहीं है जहां नागरिकों को धार्मिक आजादी दी जाती है। आज हम आपको ऐसे ही दो देशों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां भारत की तुलना में धार्मिक आजादी ना के बराबर है।
1. पासपोर्ट के लिए आवेदन
भारत सरकार किसी एक धर्म से संबंध रखने वाले शख्स के लिए पासपोर्ट आवेदन की आजादी नहीं देती। बल्कि यहां हर धर्म से संबंध रखने वाले शख्स को पासपोर्ट के लिए आवेदन करने की आजादी है। लेकिन पाकिस्तान में ऐसा नहीं है। पड़ोसी मुल्क में ‘अहमदिया’ समुदाय के लोगों को पासपोर्ट के लिए आवेदन करने की आजादी नहीं है।
2. किसी भी देश की यात्रा करने की स्वतंत्रता
भारतीय मुस्लिमों को विश्व में कहीं भी यात्रा करने की पूरी आजादी है। दूसरी तरफ अगर आप पाकिस्तान, ईरान, इराक और अफगानिस्तान के नागरिक हैं तो आपको कुवैत में जाने की अनुमति नहीं होगी। यहां तक चीन भी इन देशों के नागरिकों अपने यहां आने की इजाजत नहीं देता। चीन सरकार ने देशभर में चल रहे होटल मालिकों को हिदायत दी है कि पाकिस्तान और अन्य मुस्लिम देशों के नागरिकों को रहने के लिए होटल ना दें।
3. स्वतंत्र रूप से धर्म से संबंधित कार्य करने की आजादी
भारत में मुसलमानों को स्वतंत्र रूप से अपने धर्म से जुड़ी क्रियाएं करने की पूरी आजादी है। यहां पवित्र रमजान के महीने में मुस्लिम बिना किसी रोक के रोजे रखते हैं। वहीं चीन में मुस्लिमों पर रमजान के महीने में रोजे रखने पर प्रतिबंध है।
4. सरकार से तीर्थ यात्रा (हज) के लिए सब्सिडी
भारत में मुसलमानों को धर्म से जुड़े कार्य करने की आजादी के साथ सरकार उनकी वित्तीय सहायता भी करती है। यहां भारत सरकार हज पर जाने वाले मुस्लिमों को ‘हज सब्सिडी’ देती है। जबकि किसी दूसरे गैर मुस्लिम देश में ऐसा बामुश्किल ही है।
5. दूसरे धर्म के त्योहारों में भागीदारी की आजादी
भारत में मुसलमानों को उनके त्योहारों को मनाने की पूरी आजादी है। यहां मुस्लिमों को दूसरे धर्म के लोगों के साथ अपने त्योहारों मनाने की पूरी आजादी है। इसी सामाजिक सामंजस्य ने भारत को और उसकी सांस्कृतिक विविधता को बरकरार रखा है। बता दें कि अपनी विविधताओं के बाद भी भारत की पहचान विश्व में एक विशेष देश के रूप में है जिसके विकास में अलग-अलग संस्कृतियों के धर्म का योगदान रहा है।