भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (Indian Council of Medical Research, ICMR) ने बृहस्पतिवार को कहा कि कोरोना संक्रमण के आंकड़ों के विश्लेषण और मरीजों इलाज में सुधार के लिए कोरोना संक्रमण के मरीजों की अखिल भारतीय सूची (National Clinical Registry of Covid-19) बनाने के लिए कोविड डेडिकेटेड अस्पतालों और संस्थानों का सहयोग चाहिए। आईएसीएमआर का कहना है कि वह एक ऐसी सूची बनाना चाहता है जिसमें भारत के अस्पतालों में भर्ती कोरोना मरीजों के इलाज, नतीजे और चिकित्सा एवं प्रयोगशाला की विशेषताओं के आंकड़े दर्ज किए जा सकें।
आईसीएमआर के मुताबिक, इस प्रोजेक्ट का मकसद राष्ट्रीय स्तर पर आंकड़ों का विश्लेषण करके बच्चों और किशोरों में संक्रमण से उपजी चिकित्सकीय जटिलताओं का पता लगाना है। इसके तहत देशभर के सौ अस्पतालों से आंकड़े जमा किए जाएंगे। इस प्रोजेक्ट में शामिल होने के लिए अस्पतालों को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि आईसीएमआर, कोरोना संबंधी राष्ट्रीय क्लिनिकल सूची को तैयार करने के लिए कोविड डेडिकेटेड स्वास्थ्य केंद्रों, अस्पतालों और संस्थानों से आशय पत्र (letter of intent) आमंत्रित करता है।
आईसीएमआर की ओर से कहा गया है कि इस अध्ययन की अवधि एक साल की होगी। जारी पत्र में कहा गया है कि यह आंकड़े मरीजों के इलाज के लिए रणनीति, बीमारी की गंभीरता, इलाज के नतीजे इत्यादि की जानकारी के लिए बहुमूल्य हथियार साबित होंगे। समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, आईसीएमआर और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ने इस राष्ट्रीय सूची बनाने का प्रस्ताव दिया है। डाटा कलेक्शन के काम में कोरोना डेडिकेटेड अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्र प्राथमिक स्रोत होंगे।
इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि भारत में कोरोना से ठीक हो चुके रोगियों की संख्या 13,28,336 हो गई है। देश में मरीजों के स्वस्थ होने की दर सुधर कर 67.62 फीसद जबकि मृत्यु दर घटकर 2.07 फीसद रह गई है। सरकार की मानें तो ठीक हो चुके मरीजों की संख्या अभी उपचाराधीन लोगों की संख्या से 7,32,835 ज्यादा है। देश में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या 5,95,501 है। बता दें कि देश में कोरोना संक्रमण से मरने वालों की संख्या बढ़कर 40,699 हो गई है जबकि संक्रमितों का आंकड़ा 20 लाख को पार कर गया है।