राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को संघ के स्वयं सेवकों को चरित्र को लेकर बड़ा गुरूमंत्र दिया। बकौल संघ प्रमुख, सावधानी न रहे तो फिसलन रहती है। व्यावसायी शाखा में चरित्र के मामले में जरा भी चूक नहीं होनी चाहिए। संघ प्रमुख का यह संदेश राज्य के परिप्रेक्ष्य में काफी गंभीरता से लिया जा रहा है। दरअसल, पिछले साल नवंबर 2018 में भाजपा मुख्यालय में महिला कार्यकर्ता के उत्पीड़न का मामला काफी सुर्खियों में रहा है। संघ पृष्ठभूमि के प्रदेश संगठन महामंत्री संजय कुमार पर इस मामले में रेप का मुकदमा भी हो चुका है। इस प्रकरण से भाजपा की किरकिरी तो हुई ही।
संघ को भी असहज होना पड़ा है। गुरुवार को मुख्य शिक्षक कार्यवाही बैठक में चरित्र के विषय पर भी चर्चा हुई। संघ प्रमुख ने साफ साफ शब्दों में कहा कि, आज समाज स्वयं सेवकों के व्यवहार व चरित्र को निरंतर देख व समझ रहा है। सावधानी न रहे तो फिसलन रहती है। व्यवसाई शाखा में तो चरित्र के मामले में जरा भी चूक नहीं होनी चाहिए। संघ प्रमुख यहीं पर नहीं रुके। उन्होंने कहा, सूर्य नमस्कार की स्थिति ठीक न हो तो एक बार को चलेगा लेकिन इस मामले में बिलकुल नहीं। उन्होंने उदाहरण दिया कि तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित पूर्व में कांग्रेस से सांसद थे। अयोध्या का पक्ष रखने के कारण वो कांग्रेस से हटे। दिल्ली में संघ कार्यालय का वातावरण देखकर बेहद प्रभावित हुए और स्वयं सेवक बने। अर्थात उन्होंने वातावरण देखकर संघ को समझा।