उत्तराखंड के चमोली में सर्दी का सितम अपने पूरे चरम पर पहुंच चुका है. जिले की नीति घाटी में बूंद-बूंद पानी अभी से पाला बनना शुरू हो चुका है. नीति घाटी में इन दिनों हाड़ कंपाने वाली सर्दी ने दस्तक दे दी है.

पिछले सप्ताह हुई बर्फबारी के बाद यहां ठंड गोते लगा रही है. पारा यहां शून्य से नीचे माइनर 7 तक लुढ़क गया है. दिन के उजाले में भी यहां पानी पत्थर बना हुआ है. तापमान माइनस में लुढ़क रहा है. नदी नाले और पहाड़ों से टपकने वाली पानी की बूंदें पूरी तरह से फ्रीज हो चुकी हैं.
इंसान तो इंसान, यहां भगवान भी कड़कड़ाती सर्दी में पूरी तरह से जम चुके हैं. भोलेनाथ के वाहन नंदी, बूंद-बूंद टपकते पानी के नीचे पूरी तरह से फ्रीज हो चुके हैं. वहीं, हर तरफ निकलता पानी जहां पूरी तरह से पाला बन गया है वहीं, नदी के बीचो-बीच भी पत्थरों पर अटका पानी पाले के रूप में दिखाई दे रहा है. इस बार सर्दी अपने पूरे चरम पर अभी से दिखाई देने लगी है जिसके चलते नीति घाटी पूरी तरह से जम चुकी है.
चमोली जिले में सबसे ज्यादा ठंड और सबसे ज्यादा बर्फबारी नीति घाटी में देखी जाती है जिसका असर अभी से दिखने लगा है. अभी तो नवंबर शुरू ही हुआ है और दिसंबर-जनवरी में होने वाली सर्दी अभी से दिखने लग गई है.
आने वाले समय में क्या हाल होगा, इसका अंदाजा इन तस्वीरों को देखकर ही लगाया जा सकता है. नीति घाटी के चीन सीमा से सटे होने के कारण आईटीबीपी और सेना के जवान यहां 12 महीने सीमा पर मुस्तैदी से रहते हैं चाहे ठंड हो या बर्फ, जवान यहां हर समय तैनात रहते हैं.
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