चिपको आंदोलन की प्रणेता गौरा देवी की 100वीं जयंती रैणी गांव में धूमधाम से मनाई गई। मुख्य अतिथि वन मंत्री सुबोध उनियाल ने पौधरोपण कर गौरा देवी को याद किया। इस दौरान डाक विभाग की ओर से गौरा देवी के योगदान को जन-जन तक पहुंचाने के लिए डाक टिकट के साथ ही विशेष आवरण का विमोचन भी किया गया। शनिवार को गौरा देवी की कर्मभूमि रैणी में उनके जन्म शताब्दी के 100 साल पूरे होने पर नंदादेवी राष्ट्रीय पार्क प्रशासन की ओर से समारोह आयोजित किया गया।
कार्यक्रम में वनमंत्री सुबोध उनियाल ने पर्यावरण संरक्षण के लिए गौरा देवी के कार्यों को याद किया और पाैधा रोपा। कहा कि जिस तरह से गौरा देवी ने वनों को बचाने के लिए संघर्ष किया उसी तरह पहाड़ की महिलाओं को भी वनों की रक्षा के लिए सदैव आगे रहना चाहिए। यह कार्यक्रम देहरादून में भी आयोजित किया जा सकता था लेकिन गौरा देवी का नमन करने के लिए इसे उनकी कर्मभूमि पर आयोजित किया गया।
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जनभावना को देखते हुए निश्चित तौर पर गौरा देवी को भारत रत्न दिए जाने की मांग को केंद्र सरकार तक पहुंचाने का कार्य किया जाएगा। विधायक लखपत बुटोला ने गौरा देवी को भारत रत्न दिए जाने की पैरवी की। प्रसिद्ध पर्यावरणविद चंडी प्रसाद भट्ट ने गौरा देवी की जन्म शताब्दी पर वीडियो के माध्यम से अपना संदेश भेजा। उन्होंने चिपको आंदोलन के दौरान गौरा देवी की ओर से पर्यावरण को बचाने के लिए किए कार्यों की सराहना कर आंदोलन के दिनों को याद किया।
इस मौके पर प्रमुख वन संरक्षक वन्य जीव प्रतिपालक आरके मिश्रा, चीफ पोस्ट मास्टर जनरल शशि शालिनी कुजुर, जिला पंचायत सदस्य आयुषी बुटोला, नगर पालिका अध्यक्ष देवेश्वरी शाह, गौरा देवी के पुत्र चंदन सिंह राणा, सोहन सिंह राणा, बाली देवी, उखा देवी, जुट्ठी देवी, कलावती देवी, मंगुली देवी सहित कई लोग मौजूद रहे।
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