उत्तराखंड के चमोली में बीते रविवार(सात फरवरी) को आई आपदा के बाद से अब तक 164 लोग लापता हैं। वहीं, रैणी और तपोवन क्षेत्र से 38 व सुरंग से दो शव मिल चुके हैं। आपदा के बाद अब तक कुल 40 शव बरामद हुए हैं। सुरंग में फंसे 33 लोगों को निकालने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरफ की टीमें लगातार मलबा निकलाने में लगी हुई हैं।
जिला प्रशासन के अनुसार, सुबह मिले दोनों शव उत्तराखंड के निवासी थे। शवों की शिनाख्त अनिल सिंह निवासी कालसी और आलम सिंह निवासी लोयर गांव, गुल्लर घाटी के रूप में हुई है। आलम सीनियर इलेक्ट्रॉशियन था, जबकि अनिल वेल्डर था। अन्य लोग सुरंग से कुछ दूर हो सकते हैं। तलाशी अभियान जारी है।
बता दें कि सुरंग के अंदर से मलबा हटाने का काम लगातार जारी है। रात में जमीन के अंदर सपोर्ट नहीं मिलने पर सुरंग में ड्रिल कार्य बंद कर दिया गया था। चमोली के पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चौहान ने बताया कि निर्धारित दूरी तक ड्रिल के बाद पानी निकल रहा है।
सम्भवतः नीचे पानी और मलबा घुसा है। बता दें कि आपदा में अब तक 164 लोग अभी भी लापता हैं। जबकि रैणी और तपोवन क्षेत्र से 38 व सुरंग से दो शव मिल चुके हैं।
सुरंग और बैराज साइट से मलबा हटाने के लिए अब धौली गंगा का रुख मोड़ा जा रहा है। बैराज साइट गेट नंबर एक से दो जेसीबी और सुरंग साइट से एक जेसीबी मलबे हटाने के लिए लगी है। यहां जेसीबी को नदी में उतारने के लिए एप्रोच सड़क का निर्माण भी शुरू कर दिया गया है।
पीड़ित परिवारों का कहना है कि जिस दिन धौली गंगा में सैलाब आया, उस दिन बैराज साइट में कई मजदूर काम कर रहे थे, जिनके बैराज में दबे होने की आशंका है। ऋषि गंगा में आई बाढ़ के बाद बैराज साइट पर स्थित मुख्य टनल में टनों मलबा घुसने के साथ ही बैराज भी मलबे से भर गया है।
बैराज में करीब बीस फीट तक मलबा जमा है, जिससे नदी के पानी से बैराज में दलदल बनी है। यहां मलबे में दबे मजदूरों को निकालने के लिए नदी का रुख मोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए शनिवार से कार्य भी शुरू कर दिया गया है।
बैराज साइट का मलबा हटाने के लिए एप्रोच सड़क भी बनाई जा रही है। इस काम में तीन जेसीबी जुटी हुई हैं। जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने बताया कि बैराज साइट का मलबा हटाने के लिए मशीनें लगा दी गई हैं। नदी का रुख मोड़कर मलबा हटाने का काम शुरू किया जाएगा।
बैराज साइट का मलबा हटाने के लिए मशीनें लगा दी गई हैं। नदी का रुख मोड़कर मलबा हटाने का काम शुरू किया जाएगा।
-स्वाति एस भदौरिया, जिलाधिकारी, चमोली