झारखंड पर्यटन की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, भगवान शिव को समर्पित इस मंदिर में भारत का सबसे ऊंचा शिवलिंग स्थापित है जिसकी ऊँचाई 65 फीट है। लगभग 25 एकड़ क्षेत्र में फैला हरिहर धाम (Harihar Dham) चारों ओर नदी से घिरा हुआ है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस बड़े शिवलिंग को बनाने में 30 साल लगे थे। देशभर से भक्त गण, श्रावण मास की पूर्णिमा को इस मंदिर में आते हैं इसके अलावा पर्यटक, साल भर यहाँ आते रहते हैं।

हिंदू धर्म के अनुसार, सावन मास पूर्णिमा की रात भगवान शिव के भक्तों द्वारा बहुत पवित्र मानी जाती है। यहां नागपंचमी भी मनाई जाती है। इस मंदिर के धार्मिक महत्व के कारण यहां कई शादी समारोह भी होते हैं। यह गिरीडीह जिले के दक्षिण पश्चिम में 60 किमी की दूरी यह मंदिर अपनी भव्यता और संरचना के कारण भी देखा जाता है।
इसलिए भी है प्रसिद्ध
हरिहर धाम के बारे में कहा जाता है कि यह दुनिया का इकलौता ऐसा मंदिर है, जहां होने वाली हजारों शादियां हर दूसरे साल अपना ही रिकॉर्ड तोड़ देती हैं। मतलब इस मंदिर में होने वाली शादियों का आंकड़ा अपने पिछले वर्ष से हर साल ज्यादा होता है।
हर वर्ष एक हजार से ज्यादा जोड़े शादी के शुभ लग्न के मौके पर हरिहरधाम में भगवान शंकर को साक्षी मान कर ब्याह रचाते हैं। इसी कारण यहां बड़े घरानों के लोग शौक से बच्चों की शादी के लिए पहुंचते हैं। हरिहरधाम की प्रसिद्धि अब शादी ब्याह के निपटारे को लेकर लगातार बढ़ा है। सैकड़ों किलोमीटर दूर से चल कर लोग यहां ब्याह रचाने आने लगे हैं। एनएच पर गाड़ियों समेत लोगों की खचाखच भीड़ रहती है।
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