साल का तीसरा चंद्रग्रहण रविवार को है। यह बिहार सहित पूरे देश में दिखाई तो नहीं देगा, लेकिन धार्मिक मान्यता के अनुसार इसका असर जरूर पड़ेगा। भारतीय समय के अनुसार यह 8.38 बजे शुरू होकर 11.21 बजे तक चलेगा। यह उपछाया ग्रहण होगा, जिसमें चंद्रमा के सामने धूल जैसी हल्की परत दिखेगी।
पटना के ज्योतिषाचार्य पंडित शुभम ओझा कहते हैं कि चूंकि यह ग्रहण पटना सहित पूरे बिहार में नहीं दिखेगा, इसलिए यहां इसका सूतक भी नहीं लगेगा। वे बताते हैं कि सूतक वहीं मान्य होता है, जहां ग्रहण जहां दिखता है। ग्रहण अमेरिका, यूरोप और आस्ट्रेलिया में देखा जाएगा।
तीसरे चंद्रग्रहण का पड़ सकता यह प्रभाव
पंडित शुभम ओझा कहते हैं कि महीने में दो या अधिक ग्रहण अशुभ होता है। ऐसी स्थिति विपदाएं लाती है। इससे बचने के लिए स्नान-दान व पूजा का प्रावधान है। इसके लिए गायत्री मंत्र का जाप तथा आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करें। सूर्य की पूजा भी करें।
मंगलकारी होगी श्रीहरि की पूजा
पंडित ओझा के अनुसार चंद्र ग्रहण गुरु पूर्णिमा के दिन पड़ रहा है। प्राचीन काल में इस दिन विद्यार्थी अपने गुरु की श्रद्धा भाव से पूजा करते थे तथा सामर्थ्य के अनुसार गुरु दक्षिणा देते थे। चंद्र ग्रहण के दिन पड़ने वाले गुरु पूर्णिमा के अवसर पर नदियों में स्नान कर भगवान विष्णु की पूजा करनी चहए। आषाढ़ की पूर्णिमा के दिन भगवान सत्यनारायण व शंख पूजन के बाद शंख ध्वनि भी करनी चाहिए। इससे भगवान सुख-समृद्धि स्वास्थ्य का अशीर्वाद देते हैं।