महाराष्ट्र: वकील सना खान ने कहा कि घाटकोपर क्षेत्र में होर्डिंग हवा की गति के कारण ढह गई। इसके लिए होर्डिंग स्थापित करने वाले फर्म को दोष नहीं दिया जा सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि जब होर्डिंग स्थापित किया गया, तब भिंडे फर्म के निदेशक नहीं थे।
मुंबई की एक अदालत ने घाटकोपर इलाके में होर्डिंग गिरने के मामले के मुख्य आरोपी भावेश भिंडे को जमानत दे दी। भावेश भिंडे विज्ञापन फर्म के निदेशक थे। यह घटना मई की है, जिसमें 17 लोगों की मौत हुई थी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वीएम पठाडे ने शनिवार को भिंडे की जमानत याचिका मंजूर कर ली। आरोपी ने अपनी वकील सना खान के माध्यम से दलील दी कि यह घटना भगवान का कृत्य है। उन्होंने कहा कि उन्हें इस मामले में राजनीतिक प्रतिशोध के लिए फंसाया गया था।
वकील सना खान ने कहा कि घाटकोपर क्षेत्र में होर्डिंग हवा की गति के कारण ढह गई। इसके लिए होर्डिंग स्थापित करने वाले फर्म को दोष नहीं दिया जा सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि जब होर्डिंग स्थापित किया गया, तब भिंडे फर्म के निदेशक नहीं थे। बता दें कि भिंडे के खिलाफ गैर इरादतन हत्या के आरोप का मामला दर्ज किया गया था। अभियोजन पक्ष ने भिंडे की जमानत का विरोध किया। उन्होंने कहा कि इस मामले में भिंडे सक्रिय रूप से शामिल थे, यह साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत है।
क्या है पूरा मामला?
इस साल 13 मई को घाटकोपर छेदा नगर में एक पेट्रोल पंप पर आंधी-तूफान की वजह से 120 x 120 फीट का होर्डिंग गिर गया था। इस हादसे में 17 लोगों की मौत हो गई थी। जबकि 84 अन्य घायल हो गए थे। इस होर्डिंग को जीआरपी की जमीन पर अवैध रूप से लगाया गया था।