सुशांत सिंह राजपूत के निधन के बाद से फ़िल्म इंडस्ट्री में इस बात की बहस काफी जोरों से हो रही है कि आउटसाइडर को किन हालात का सामना करना पड़ता है। कई बड़े एक्टर्स भी इस मुद्दे पर अपनी राय रख चुके हैं। अब 90 के दशक के स्टार रहे गोविंदा ने भी बताया कि उन्होंने भी इस इंडस्ट्री में काफी मेहनत करनी पड़ा। उन्होंने बताया कि फ़िल्म के लिए उन्हें प्रोड्यूसर्स से मिलने के लिए घंटों-घंटों इंतज़ार करना पड़ता था।

हिंदुस्तान टाइम्स को दिए इंटरव्यू में गोविंदा ने अपने एक्टर माता-पिता को लेकर बताया, ‘उनके और और मेरे बीच 33 साल एज गैप था। वह इंडस्ट्री छोड़ रहे थे और मैं 21 साल की उम्र एक्टर बन रहा था। इसलिए जब मैंने इंडस्ट्री में कदम रखा, तब कई नए प्रोड्यूसर्स आ चुके थे, जो मेरे वंश के बारे में नहीं जानते थे। मुझे उनसे मिलने के लिए घंटों इंतज़ार करना पड़ता था। मैं समझता था कि वे एक निश्चित तरीके से बात क्यों करते या वैसे ही व्यवहार क्यों करते थे। लेकिन इन सभी को मैंने अपने काम के बीच कभी नहीं आने दिया।’
गोविंदा ने आउटसाइडर को लेकर कहा कि कोई जो इंडस्ट्री के बाहर से हैं, उनका यह मानना गलत लगता है कि उन्होंने दूसरों की तुलना में काफी कठिन यात्रा तय की है। इंडस्ट्री में आपके पास सही नज़रिया होना बहुत जरूरी है। या तो आप कड़ी मेहनत करें, या इस पर ध्यान दें कि लोगों ने क्या कह रहे हैं।
गौरतलब है कि सुशांत सिंह राजपूत ने 14 जून को बांद्रा स्थित अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। इसके बाद आउटसाइडर बनाम इनसाइडर की बहस काफी तेजी के साथ छिड़ गई है। कंगना रनोट समेत कई ऐसे कलाकार हैं, जो इस मुद्दे पर मुखर होकर बोल रहे हैं। वहीं, सोशल मीडिया पर स्टार किड्स और बड़े-बड़े फ़िल्ममेकर्स को निशाने पर लिया जा रहा है। उन्हें लगातार ट्रोल किया जा रहा है।
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