। भारत-पाकिस्तान के बीच 1965 व 1971 में हुए युद्धों के बारे में कौन नहीं जानता है। दोनों ही युद्धों में पाकिस्तान की सीमा से सटे पंजाब में फाजिल्का क्षेत्र के विभिन्न गांवों में दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने हुईं थीं। 1971 में युद्ध के दौरान फाजिल्का क्षेत्र में विषम परिस्थितियां बन जाने पर स्टोर कीपर बलजोर सिंह मलिक ने मोर्चा संभाला था। उन्होंने एक पाकिस्तानी अफसर को जिंदा पकड़ लिया था।
पाकिस्तानी अफसर ने बलजोर की तारीफ करते हुए उनकी वीरता और साहस को सलाम किया था। गांव भैंसवान खुर्द निवासी बलजोर सिंह मलिक ने वर्ष 1962 में भारत-चीन के बीच हुए युद्ध को देखकर फौज में जाने का मन बनाया। उनमें देशसेवा का ऐसा जज्बा पैदा हुआ कि एक साल बाद ही सेना में भर्ती हो गए। वर्ष 1971 में वे फाजिल्का स्थित भारतीय सेना के मुख्य सेंटर पर स्टोर कीपर के पद पर तैनात थे। उन्हें सेंटर के शस्त्रगार की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
दिसंबर 1971 में पाकिस्तानी सेना ने फाजिल्का क्षेत्र में हमला कर दिया और कई गांवों में काफी अंदर तक पहुंच गई थी। वह फाजिल्का पर कब्जे की तैयारी में थी, लेकिन भारतीय सेना के जांबाजों ने उसके मंसूबों को नाकाम किया। बलजोर सिंह बताते हैं कि युद्ध के दौरान एक बार विषम हालात हो गए थे। सेना के एक अफसर ने आकर कहा कि शस्त्रगार में भी जितने जवान हैं, वे भी युद्ध के लिए तैयार रहें। बस फिर क्या था, उन्होंने मोर्चा संभाल लिया।