गुरुग्राम-एसएनबी नमो भारत कॉरिडोर को रफ्तार: 105 किमी में 17 स्टेशन

दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) ने दिल्ली-गुरुग्राम-शाहजहांपुर-नीमराना-बेवाड़ (एसएनबी) तक प्रस्तावित नमो भारत कॉरिडोर के लिए जनरल कंसल्टेंट (जीसी) नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह परियोजना एनसीआर में तेज रफ्तार क्षेत्रीय रेल नेटवर्क के दूसरे बड़े चरण का हिस्सा है, जो दिल्ली-एनसीआर के औद्योगिक व शहरी केंद्रों को जोड़ने में अहम भूमिका निभाएगी।

यह कॉरिडोर एनसीआर के दक्षिणी हिस्से को दिल्ली से जोड़ेगा और आगे चलकर दिल्ली-जयपुर हाई-स्पीड रूट का आधार बनेगा। एनसीआरटीसी ने बीते दिनों वैश्विक निविदा जारी की है। यह निविदा अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धी बोली प्रणाली के तहत होगी। एनसीआरटीसी के अनुसार, चयनित जनरल कंसल्टेंट को 60 महीने (पांच वर्ष) के लिए नियुक्त किया जाएगा। जीसी परियोजना की डिजाइन, निर्माण, गुणवत्ता नियंत्रण, सुरक्षा, सिस्टम इंटीग्रेशन और परीक्षण-प्रमाणीकरण से जुड़ी जिम्मेदारी संभालनी होगी।

एनसीआरटीसी ने यह भी स्पष्ट किया है कि जीसी की भूमिका केवल तकनीकी सलाह तक सीमित नहीं होगी, बल्कि उसे प्रोजेक्ट मैनेजमेंट, पर्यावरण स्वीकृति, कॉन्ट्रेक्ट प्रबंधन, सुरक्षा मानकों की निगरानी, और इंटर-कॉरिडोर इंटीग्रेशन की दिशा में काम करना होगा। यह कॉरिडोर सराय काले खां (दिल्ली) से शुरू होकर एसएनबी (राजस्थान) तक बनेगा। कुल 105.02 किलोमीटर लंबी इस परियोजना में 37.87 किमी हिस्सा भूमिगत और 67.15 किमी एलिवेटेड कॉरिडोर के लिए पंचगांव में एक मेंटेनेंस डिपो भी प्रस्तावित है।

रोजगार और विकास का नया केंद्र बनेगा दक्षिणी एनसीआर

एनसीआरटीसी का मानना है कि यह कॉरिडोर न केवल दिल्ली से गुरुग्राम, मानेसर, रेवाड़ी और नीमराना जैसे औद्योगिक क्षेत्रों तक यात्रा को आसान बनाएगा, बल्कि रोजगार और आर्थिक गतिविधियों में भी तेजी लाएगा। इस परियोजना से प्रतिदिन लाखों यात्रियों को समय और ईंधन की बचत होगी, जबकि सड़कों पर यातायात भार में भी कमी आएगी। परियोजना के पूर्ण होने पर दिल्ली से एसएनबी तक का सफर लगभग 45–50 मिनट में तय किया जा सकेगा। इससे दिल्ली-मुंबई औद्योगिक कॉरिडोर के विकास को भी नई रफ्तार मिलेगी।

दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर जैसा मॉडल

दिल्ली-एसएनबी कॉरिडोर का निर्माण दिल्ली-मेरठ नमो भारत की तर्ज पर किया जाएगा। दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर का 60 फीसद से अधिक हिस्सा पहले ही चालू हो चुका है। एनसीआरटीसी इस नए कॉरिडोर में भी ग्रीन बिल्डिंग मानक, जीआरआईएचए 5-स्टार रेटिंग, आईजीबीसी सर्टिफिकेशन और शून्य-ऊर्जा भवन जैसे पर्यावरणीय लक्ष्य हासिल करने का इरादा रखता है। परियोजना में ऊर्जा दक्षता बढ़ाने के लिए सोलर पैनल, वर्षा जल संचयन और स्मार्ट बिल्डिंग मैनेजमेंट सिस्टम जैसी आधुनिक तकनीकें लागू की जाएंगी।

बनेंगे यह स्टेशन

सराय काले खां से यह कॉरिडोर शुरू होगा और आईएनए, मुनिरका, एरोसिटी, साइबर सिटी, आईएफएफसीओ चौक, राजीव चौक, गुरुग्राम, हीरो होंडा चौक, खेड़की दौला, मानेसर, पंचगांव, बिलासपुर चौक, धरूहेड़ा, एमबीआईआर, रेवाड़ी, बावल, एसएनबी स्टेशन बनाए जाएंगे। इन स्टेशनों के बीच कुल लंबाई लगभग 105 किलोमीटर होगी।

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