गुजरात सरकार ने अधिसूचना जारी कर राज्य के यात्राधामों में भीख मांगने पर प्रतिबंध लगा दिया है। अब इस प्रतिबंध का उल्लंघन करने पर सीधा जेल भेज दिया जायेगा। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने इसे अपनी स्वीकृति दे दी हैं।
यूं तो राज्य में 1960 में स्थापना काल से ही भिक्षा वृति पर प्रतिबंध लगा हुआ था। किन्तु यह वृति दान और धर्म के साथ सम्बन्धित होने पर इस पर सख्ती से अमल नहीं हो रहा था। परन्तु अब धार्मिक एवं ग्रामीण क्षेत्रों में भीख मांगते हुए दिखाई पडेंगे तो जेल अथवा भिक्षुक गृह भेज दिया जायेगा।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की अधिसूचना
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि राज्य के दतात्रेय, गिरनार सहित तीर्थस्थल, जूनागढ़, महानगरपालिका, खेड़ा जिला के डाकोर नगरपालिका, मातृगया तीर्थस्थल सिद्धपुर पालिका, शेत्रुंज्य तीर्थ पालीताणा नगरपालिका तथा पावागढ़ की चांपानेर ग्रामपंचायत, बहुचराजी ग्रामपंचायत, शामलाजी ग्रामपंचायत में भिक्षा प्रवृति प्रतिबंध अधिनियम 1959 का अमल किया जायेगा। इस उद्देश्य के लिए अधिसूचना जारी कर दी है।
10 फरवरी से होगा लागू
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उपसचिव जे.बी.देसाई के हस्ताक्षर से जारी की गई अधिसूचना में कहा गया है कि राज्य सरकार को अधिकार मिला हुआ है। राज्यपत्र में जारी होने के बाद 10 फरवरी से इस पर अमल शुरू कर दिया जायेगा। अधिकारियों के अनुसार भीख मांगना अपराध है। धार्मिक स्थलों पर दान की महिमा है। इसलिए यहाँ इस कानून का सख्त अमल किया जायेगा।