राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने गाजियाबाद में तालाबों और जलाशयों पर हो रहे अतिक्रमण के मामले में सख्त रुख अपनाया है। ऐसे में अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन को नोटिस जारी किया है। एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव और विशेष सदस्य ईश्वर सिंह ने सभी प्रतिवादियों को हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया गया। साथ ही, अधिकारियों को बिना वकील के जवाब देने पर वर्चुअल सुनवाई में उपस्थित होने को कहा गया। अगली सुनवाई 7 अक्तूबर को होगी।
याचिकाकर्ता सुशील राघव ने शिकायत की थी कि एनजीटी के 17 मार्च, 2021 के आदेश का पालन नहीं हुआ, जिसमें मुख्य सचिव और जिला प्रशासन को अतिक्रमण हटाने, नियमित बैठकें करने और प्रगति की जानकारी वेबसाइट पर अपलोड करने के निर्देश दिए गए थे।
इसके अलावा, लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने को भी कहा गया था। राघव का कहना है कि प्रशासन ने इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए। ऐसे में गाजियाबाद के जिलाधिकारी के अनुसार, जिले के 1075 तालाबों में से 231 पर अभी भी अवैध कब्जा है।
57 हेक्टेयर से अधिक जमीन पर कब्जा
गाजियाबाद के जिलाधिकारी की 28 अप्रैल 2025 की रिपोर्ट के अनुसार, जिले के तालाबों की कुल जमीन 525.18 हेक्टेयर है, जिसमें से 57.04 हेक्टेयर पर अतिक्रमण है।
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