जहां आये दिन बाजार में कोई ना कोई नई- नई साबुन आती रहती हैं, वहीं अब एक ऐसी साबुन आई है जिसके बारे में सुनकर शायद आप चौंक जाएंगे। जी हां पिछले दिनों केन्द्रीय महिला एंव वाल विकास मंत्रालय की ओर से चंडीगढ़ में 6वां वुमन ऑफ इंडियन ऑर्गेनिक फेस्टिवल का आयोजन किया गया था। जहां गधी के दूध से बनी साबुन बेचने के लिए लाए गए थे। चंडीगढ़ में केमिकल फ्री ऑर्गेनिक फूड प्रोडक्ट्स जैसे सब्जियां, फ्रूट, ड्रायफ्रूट्स को पसंद करने वाले लोगों के लिए यह ऑर्गेनिक फेस्टिवल लगाया गया था।
इस ऑर्गेनिक फेस्टिवल में जो चर्चा का विषय रहा वो था गधी और उसके दूध से बने प्रोडक्ट्स। इस फेस्टिवल में दो लोग गधी के दूध से बने साबुन लेकर आये थे जो हाथों हाथ बिक गए। इस गधी के दूध वाली एक साबुन की कीमत 500 रुपए रखी गई थी। साबुन बनाने वाले लोगों का कहना है कि मिस्र की रानी क्लियोपैट्रा गधी के दूध से नहाती थीं। यही उनकी सुंदरता का राज था। कहा जा रहा कि इस साबुन को लगाने से 2 से 3 हफ्ते में स्किन ग्लो करने लगती है और इसके लगातार इस्तेमाल से स्किन की झुर्रियां भी खत्म होने लगती है।
ऑर्गेनिको की फाउंडर ने बताया कि यह प्राकृतिक साबुन 5 तरीके के तेल और गधी के दूध से बना है और कहा कि आगे भी हम इस प्रकार की ओर भी साबुन बनाने का काम जारी रखेंगे। इससे गधी के मालिकों की आय में भी इस उत्पाद की वजह से बढ़ोत्तरी हुई है। इस साबुन को लेकर हुई रिसर्च के नतीजें बेहद चौंकाने वाले हैं। शोध कर रहे जानकारों का मत है कि गधी के दूध में कुछ ऐसे तत्व पाए गए हैं जो त्वचा को बच्चों की स्किन जैसा स्मूथ बनाते हैं। साथ ही इससे स्किन पर कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता।साबुन के इस काम की शुरुआत महाराष्ट्र के शोलापुर से की गई थी। इसे करने में सबसे बड़ी चुनौती जो थी वो दूध एकत्र करने की रही। बता दें कि आंध्रप्रदेश में यह दूध 2 हजार रुपए लीटर बेचा जाता है। इसके बाद शोलापुर की एक कम्युनिटी को इस दूध के महत्व के बारे में बताया और उन्हें दूध प्रोड्यूस करने को कहा गया।
इसके पीछे का उद्देश्य शोलापुर के लोगों को इस काम के जरिये रोजगार देना था। साबुन बनाने के लिए दिल्ली में एक प्रोडक्शन यूनिट शुरु किया गया। आपको ये साबुन online e- portal पर भी मिल जाएगा।