गणतंत्र दिवस परेड के इतिहास में पहली बार कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट (केओपीटी) अपनी झांकी पेश कर सकता है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार केंद्रीय जहाजरानी मंत्रालय के तत्वावधान में केपीटी इस झांकी में समृद्ध इतिहास, बंदरगाह के आधूनिक मशीनीकृत रूपांतरण जैसी अनूठी विशेषताएं प्रदर्शित करेगा।
साथ ही जब झांकी राजपथ से गुजरेगी तो कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट का वह गीत भी बजाया जाएगा जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत सप्ताह केपीटी की 150वीं वर्षगांठ के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में लांच किया था। समाचार एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि फिलहाल इसे लेकर ट्रायल चल रहा है विषय ‘ग्लोरियस पास्ट वाइब्रेंट फ्यूचर’ के पास लिए मंजूरी के लिए भेजा गया है जिस पर 23 जनवरी तक कोई नतीजा आने की उम्मीद है।
बता दें कि प्रधानमंत्री ने अपने उक्त दौरे के दौरान केपीटी का नाम बदलकर जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर किया था। पीएम ने केपीटी के समृद्ध इतिहास का बखान करते हुए कहा था कि कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट ने सिर्फ जहाजों की आवाजाही की जगह नहीं है, बल्कि इसमें इतिहास समाया है। इसने देश को स्वराज मिलते, सत्याग्रह और देश को बदलते देखा है।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले केंद्र सरकार द्वारा गणतंत्र दिवस परेड में पश्चिम बंगाल की झांकी को शामिल नहीं किए जाने की बात कही गई थी। रक्षा मंत्रालय की ओर से कहा गया कि बंगाल सरकार की झांकी का प्रस्ताव विशेषज्ञ समिति के पास दो बार भेजा गया। दूसरी बैठक में विस्तृत चर्चा के बाद इसे खारिज कर दिया गया। इस पर तृणमूल कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए इसे बंगाल का अपमान बताया। अब केपीटी की झांकी को जगह मिलने की उम्मीद के बीच राज्य के लोगों में खुशी है।