गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली की सड़कों पर अजीब नजारा देखने को मिला. कई जगह किसान और जवान आमने-सामने नजर आए. शांतिपूर्ण ट्रैक्टर परेड के दौरान झड़पें हुईं, पथराव हुआ और किसान पुलिस को गच्चा देकर लाल किले तक पहुंच गए. लाल किले की प्राचीर से उस स्थल पर निशान साहिब फहरा दिया, जहां से 15 अगस्त को प्रधानमंत्री तिरंगा झंडा फहराते हैं.

लाल किले से निशान साहिब फहराए जाने के बाद मीडिया से बात करते हुए स्वराज पार्टी के संस्थापक योगेंद्र यादव ने कहा कि दिल्ली की सड़कों पर आज अद्भुत दृश्य है. उन्होंने कहा कि अब तक गण नीचे था, तंत्र ऊपर हो गया. आज गण ऊपर आ गया. योगेंद्र यादव ने कहा कि किसी भी गणतंत्र के लिए इससे सुंदर दृश्य नहीं हो सकता है.
योगेंद्र यादव ने कहा कि किसानों ने यह तय किया था कि आज हम उस जगह से आगे बढ़ेंगे जहां हमें पिछले डेढ़-दो महीने से बैरिकेड्स लगाकर रोका गया है. उन्होंने कहा कि हम आगे बढ़े. इससे पहले भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि हम शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि राजनीतिक पार्टियों के लोग आंदोलन को बदनाम करना चाहते हैं. गौरतलब है कि किसानों ने पहले ही ट्रैक्टर परेड निकालने का ऐलान किया था.
बड़ी तादाद में किसान बॉर्डर से दिल्ली के लिए निकले. दिल्ली पुलिस के साथ बातचीत में जिस रूट को लेकर सहमति बनी थी, उससे हटकर किसान लाल किले की तरफ निकल पड़े. इस दौरान पुलिस ने किसानों को रोकने की कोशिश की, लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले भी दागे.
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