हर व्यक्ति के घर में घडी होती है और उसी की मदद से ही व्यक्ति समय का पता कर पाता हैं। आपने ध्यान दिया होगा कि घडी की सुइयां हमेशा बायीं ओर से दायीं ओर चलती हैं जो कि बेहद सामान्य बात हैं। लेकिन आज हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहे हैं जहाँ घडी की सुइयां विपरीत दिशा में दौड़ती है अर्थात दायीं ओर से बायीं ओर चलती हैं। आखिर ऐसा क्यों होता है, आइये आज हम बताते हैं आपको इससे जुड़ा राज।
छत्तीसगढ़ राज्य में कोरबा के पास आदिवासी शक्ति पीठ से जुड़े एक स्थान पर गोंड आदिवासी परिवारों की घड़ी उलटी यानी दायीं से बायीं ओर चलती है। ये कोई आज की बात नहीं है जबसे यहां पर घड़ी के इस्तेमाल का प्रचलन शुरू हुआ है तभी से वे एंटी क्लॉकवाइज दिशा में चलने वाली घडिय़ों का इस्तेमाल कर रहे हैं।
प्रकृति की पूजा करने वाले इस आदिवासी इलाके के लोगों का कहना है कि प्रकृति का चक्र जिस दिशा में चल रहा है, वे उसके विपरीत आचरण नहीं कर सकते हैं। ये लोग महुआ, परसा व अन्य वृक्षों की पूजा करते हैं। इस क्षेत्र के दस हजार से ज्यादा परिवार इस तरह की उलटी घड़ी का प्रयोग करते हैं, और आदिवासी शक्ति पीठ बुधवारी बाजार से जुड़े आदिवासी समाज के करीब 32 समुदायों में यही घड़ी प्रचलित है।