हिमाचल में करीब छह माह बाद 21 सितम्बर से स्कूल खुल जाएंगे। नौवीं से जमा दो कक्षा के विद्यार्थी गाइडेंस लेने स्कूलों में आ सकेंगे। इस दौरान नियमित कक्षाएं नहीं लगेंगी, लेकिन रोजाना 50 फीसदी शिक्षक और गैर शिक्षक स्कूलों में आएंगे।
स्कूलों में शिक्षक ऑनलाइन पढ़ाई की मॉनीटरिंग करेंगे। तीस सितंबर तक ऑनलाइन पढ़ाई होगी। अभिभावकों से स्कूल आने का सहमति पत्र लाने वाले विद्यार्थियों को ही गाइडेंस लेने के लिए आने दिया जाएगा।
इसकी मंजूरी प्रिंसिपल और संबंधित विषय के शिक्षक देंगे। स्कूल आने से पहले शिक्षकों से आने के समय के लिए संपर्क करना होगा। शुक्रवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया।
बैठक में कॉलेजों में फर्स्ट और सेकेंड ईयर की परीक्षाएं कराने पर चर्चा हुई, लेकिन कोई फैसला नहीं हुआ। इस बाबत केंद्र सरकार और यूजीसी के आदेशों का इंतजार करना होगा। हिमाचल में कोरोना संकट के चलते 15 मार्च से स्कूल बंद हैं।
कैबिनेट ने गृह और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्धारित मानक संचालन प्रक्रिया का पालन करते हुए प्रदेश में कंटेनमेंट जोन से बाहर 9वीं से 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों के लिए शैक्षणिक संस्थानों को खोलने की अनुमति दी।
इस निर्णय के अनुसार शैक्षणिक संस्थान 50 प्रतिशत शिक्षकों और गैर शिक्षक कर्मचारियों के साथ 21 सितंबर से खुल जाएंगे। कैबिनेट ने जिला मंडी के थुनाग स्थित राजकीय वानिकी एवं बागवानी महाविद्यालय में शैक्षणिक सत्र 2020-21 से वानिकी विषय में बीएससी (ऑनर्ज) आरंभ करने को भी स्वीकृति दी। बैठक में नालागढ़ में बल्क ड्रग्स पार्क को लेकर भी ऑनलाइन प्रस्तुति दी गई।
कॉलेजों में पढ़ने वाले फर्स्ट और सेकेंड ईयर के विद्यार्थियों जिन्हें प्रोविजनल आधार पर सेकेंड और थर्ड ईयर में प्रवेश दिया गया है, उन्हें सरकार बिना परीक्षाएं लिए अगली कक्षाओं में प्रमोट करने के हक में नहीं है।
कैबिनेट बैठक में कहा कि इस पर केंद्र सरकार के फैसले का इंतजार किया जाए। अगर व्यवस्था हो तो परीक्षाएं भी ले ली जाएं। प्रदेश के पहले क्लस्टर विवि मंडी को सुंदरनगर, द्रंग, बासा और मंडी कॉलेज का प्रशासनिक और अकादमी नियंत्रण सौंपने का फैसला भी लिया गया।