वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 12 जून को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की 40वीं बैठक में हिस्सा लिया। कोरोना वायरस के संकट के बाद ये जीएसटी काउंसिल की पहली बैठक हुई है। बैठक में जनता को राहत पहुंचाने के लिए कई कदम उठाए गए।
निर्मला सीतारमण ने बताया कि कोरोना संकट के पहले जुलाई 2017 से जनवरी 2020 के बीच के अवधि में कई लोगों की रिटर्न फाइलिंग बची हुई है। ऐसे लोग जिनकी कोई टैक्स लायबिलिटी नहीं है लेकिन उन्होंने अभी तक अपना रिटर्न नहीं भरा है, उनको लेट फीस नहीं देनी होगी।
आगे जुलाई 2017 से लेकर जनवरी 2020 तक टैक्स लायबिलिटी होने के बावजूद ट्रेडर्स द्वारा GSTR-3B फाइल नहीं करने वालों को भी राहत दी गई।
वित्त मंत्री ने बताया कि उनपर अब अधिकतम लेट फीस 500 रुपये लगेगी। इसका फायदा एक जुलाई 2020 से लेकर 30 सितंबर 2020 तक रिटर्न फाइल करने वालों को भी मिलेगा।
इसके अतिरिक्त जिन कारोबारियों का टर्नओवर पांच करोड़ रुपये तक का है, वे अगर फरवरी, मार्च और अप्रैल 2020 का लेट रिटर्न छह जुलाई 2020 के बाद भरते हैं, तो उनपर ब्याज दर 18 फीसदी के बजाय नौ फीसदी सालाना लगेगा।
इसके अलावा वे अगर मई, जून और जुलाई 2020 के लिए GSTR-3B सितंबर तक फाइल करते हैं, तो उनको कोई लेट फीस या इंटरेस्ट नहीं देना होगा।
आगे निर्मला सीतारमण ने बताया कि आज जीएसटी रेट कट पर कोई चर्चा नहीं हुई। जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक जुलाई में होगी। तब कंपनसेशन सेस के अहम मुद्दे पर चर्चा की जाएगी