सरकार से जुड़े सूत्रों ने कहा कि महिलाओं के लिए विशेष छूट के अलग-अलग मसौदों पर विचार किया जा रहा है। महिला विकास मंत्रालय से जुड़े सूत्रों ने कहा कि सरकार हर स्तर पर महिला सशक्तीकरण के उपायों पर गौर कर रही है। मातृत्व लाभ के तौर पर दी जाने वाली संपूर्ण राशि को टैक्स-फ्री करने के अलावा प्रसव और प्रसव के बाद लाभ के लिए निजी व सार्वजनिक क्षेत्र में ठोस उपायों पर गौर किया जा रहा है।
सरकार आम चुनाव के पहले महिलाओं को राहत देने के संबंध में कई अहम फैसले कर सकती है। इसमें महिलाओं को मातृत्व लाभ के तौर पर मिलने वाली संपूर्ण राशि को करमुक्त करने का प्रस्ताव शामिल है। इसके अलावा महिलाओं के लिए किसान क्रेडिट कार्ड पर विशेष रियायत देने और सरकार द्वारा की जाने वाली खरीद में महिला उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के प्रस्ताव पर भी सरकार गंभीरता से विचार कर रही है।
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सूत्रों ने कहा, सरकार द्वारा की जानेवाली खरीद में महिला उद्यमियों को प्रोत्साहित करने की योजना पर भी सरकार गौर कर रही है। यह प्रावधान किया जा सकता है कि सरकारी खरीद में कुछ प्रतिशत महिला उद्यमियों के माध्यम से ही की जाए। इससे वह उद्योग लगाने के लिए प्रोत्साहित होंगी। सूत्रों ने कहा कि सरकार चाहती है कि जेंडर बजटिंग को भी सभी राज्यों में अनिवार्य बनाया जाए, जिससे महिला केंद्रित योजनाओं पर फोकस किया जा सके।
महिला व बाल विकास मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि सरकार 2030 तक देश के कार्यबल में महिलाओं की संख्या 50 फीसदी तक करने के लक्ष्य के साथ महिलाओं को विशेष रियायतें उपलब्ध कराने पर जोर दे रही है। हर सेक्टर में महिलाओं को रियायतें दी जा रही हैं। सरकार ने पिछले साल ही मातृत्व अवकाश की अवधि बढ़ाकर 26 सप्ताह करने का प्रस्ताव मंजूर करते हुए इस संबंध में विधेयक पारित कराया था। सरकार का कहना है कि महिलाओं के लिए कर में छूट का दायरा बढ़ाने के कई प्रस्ताव सरकार के सामने हैं।