आम तौर पर ऐसा देखने में आता है कि परीक्षा के दौरान कई छात्र तनाव में आ जाते हैं और इसका असर उनके स्वास्थ्य के साथ-साथ परीक्षा परिणामों पर भी देखने को मिलता है। कई बार छात्र परीक्षा में अच्छे अंक लाने के लिए तरह-तरह के टोटके भी अपनाते हैं। उनके तनाव की मुख्य वजह भोजन में कम गुणवत्ता वाला आहार लेना हो सकता है। ऐसे में छात्रों के लिए जरूरी है कि परीक्षा में अच्छे अंक लाने के लिए वह टोटकों की जगह वैज्ञानिकों द्वारा सुझाए गए कुछ खास उपायों को अपनाएं। यूरोप से प्रकाशित होने वाले ‘न्यूट्रीशियन’ जर्नल में यह खुलासा किया गया है कि भारत में छात्र अपने घरों से दूर रहकर पढ़ाई करने जाते हैं। अक्सर समय बचाने के लिए अच्छे फल-सब्जियों की बजाय वे फास्ट फूड खाना ज्यादा पंसद करते हैं। छात्र अमूमन समय बचाने के लिए ऐसा करते हैं।
वैज्ञानिकों की मानें तो यही फास्ट फूड तनाव को बढ़ाने का मुख्य कारक है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, ऐसा भी देखा गया है कि छात्र अच्छा भोजन लेने की बजाय फास्ट फूड खाना अपनी आदत बना लेते हैं। यह बहुत खतरनाक है। लंबे समय तक अच्छा आहार न लेना तनाव को और बढ़ाता है। अक्सर यह देखने में आता है कि तनाव के समय लोगों को ऐसा भोजन पसंद आता है जिसमें कैलोरी और फैट की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। बेल्जियम में गेंट विश्वविद्यालय की प्रमुख शोधकर्ता नताली मिशेल ने कहा ‘हमने अध्ययन में पाया कि परीक्षा के दौरान छात्रों की खाने की आदत ही उनका तनाव बढ़ाती है।’ इस अध्ययन के लिए शोधार्थियों ने गेंट विश्वविद्यालय समेत बेल्जियम के अन्य विश्वविद्यालयों के 19 से 22 वर्ष के 232 छात्रों का ऑनलाइन सर्वे किया। इसमें शोधार्थियों ने इस बात का पता लगाया कि छात्रों के आहार की गुणवत्ता और परीक्षा के तनाव में क्या संबंध है और खाने का व्यवहार, भोजन की पसंद, स्वाद जैसे कारक इसे कितना प्रभावित कर सकते हैं।
शोधकर्ताओं ने पाया कि परीक्षा के दौरान छात्र स्वस्थ भोजन नहीं कर पा रहे। वह एक दिन में केवल 400 ग्राम फल और सब्जियां ही ले पाते हैं। तनाव से लड़ने के लिए हमें चाहिए कि हम अच्छे आहार को अपने भोजन में शामिल करें। पर्याप्त मात्रा में फल-सब्जियां खाएं। साथ ही मस्तिष्क की थकान दूर करने के लिए योग और प्राणायाम करें।
हाई फैट डाइट के नुकसान- एक हाई फैट डाइट खाने में बहुत स्वादिष्ट जरूर होती है और शायद इसीलिए कोई उसे खाने से अपने आपको रोक नहीं पाता। ये जानते हुए भी कि तला हुआ, अधिक वसायुक्त खाना खाने से आपकी कमर का साइज बढ़ सकता है, आप उसे खा लेते हैं। लेकिन शायद आपको मालूम नहीं होगा कि फैटी डाइट से आपके शरीर को और भी बहुत से गंभीर नुकसान हो सकते हैं। आइये जानते हैं कौन-कौन से नुकसान।
धमनियों को नुकसान- अगर आप हाई फैट डाइट लेते हैं, तो सावधान हो जाइये, क्योंकि यह आहार आपके शरीर की धमनियों को समय से पहले नष्ट कर सकता है। यही नहीं जिन कुछ कारणों से उच्च रक्तचाप होने का खतरा रहता है, उच्च वसा युक्त आहार उनमें से पहला कारण है। उम्र और वजन बढ़ने तथा उपापचय से संबंधित बीमारियों के साथ हमारे शरीर की बड़ी धमनियों की अंदर की दीवारें मोटी होकर कम लोचदार हो जाती है, जो एथरोसलेरोसिस और उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियां होने का कारण बनती है।
फैटी लीवर का खतरा- यदि ज्यादा फैट वाला खाना खाते हैं और एक्सरसाइज नहीं करते तो फैटी लीवर के चांस बढ़ जाते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार फैटी लीवर 70 प्रतिशत मोटापे से होता है। टी लीवर वह स्थिति होती है, जब लीवर के सेल्स में गैरजरूरी फैट की मात्रा बढ़ जाती है और इससे लीवर को स्थाई नुकसान का खतरा रहता है। इंफ्लैमटॉरी एक्शन से लीवर के टिशू सख्त हो जाते हैं।
मस्तिष्क के स्वास्थ्य पर असर- ज्यादा फैटयुक्त आहार के कारण व्यग्रता, कमजोर याददाश्त और किसी काम को बार-बार करने की आदत भी बन सकती है। एक शोध के अनुसार हाई फैट डाइट के कारण मनुष्यों एवं सूक्ष्मजीवों के बीच सहजीवी संबंध के बाधित होने के कारण हमारे मस्तिष्क के स्वास्थ्य पर असर पड़ता है। हमारे शरीर में अरबों की संख्या में सूक्ष्मजीव पाए जाते हैं, जिनकी काफी बड़ी संख्या हमारी आंतों में भी पाई जाती है।