बढ़ते प्रदूषण और बिगड़ते खान पान की वजह से इन दिनों खांसी की समस्या आम हो गयी है. गले और सांस के रास्ते को साफ़ रखने का कारगार तरीका है खांसना. लेकिन खांसने की प्रक्रिया अधिक हो तो इसे सहज रूप से नहीं ले क्यूंकि ये एक विकार है. खांसी यदि ज्यादा हो जाए तो ये एक गंभीर समस्या है. खांसी की परेशानी शुरू में तो दो से तीन सप्ताह तक चलती है. इसके बाद भी यदि खांसी सही न हो तो समस्या गंभीर है.
खांसी की मुख्य वजह धूल,धुँआ,एलर्जी आदि कारणों से होती है. खांसी की एक वजह अंदरुनी या वंशागत भी हो सकती है. यदि खांसी की समस्या पर ध्यान नहीं दिया जाए तो ये एक गंभीर बिमारी का रूप ले सकती है. यदि खांसी का समय रहते उपचार नहीं किया गया तो इससे टॉल्सिलाइटिस, साइन्यूसाइटिस, एडेनोइडाइटिस आदि गंभीर रोग होने की सम्भावना रहती है. खांसी से निदान के लिए होम्योपैथी एक अच्छा उपाय है. होम्योपैथी के दीर्घकालीन सकारात्मक परिणाम देखे गए है. यह एक प्रभावी चिकित्सा पद्धति है जिसका उपयोग अच्छे स्वास्थ के लिए किया जा सकता है. अच्छी डाइट और समय पर ली गयी खुराक भी रोगी के उपचार में सहयोगी होती है.
यदि आप बार बार होने वाली खांसी से परेशान है तो भोजन में इन बातो का ध्यान रखे.
तेज खांसी है और गले में दर्द है तो इलायची या किशमिश चबाना चाहिए,यह आपको राहत प्रदान करेगा.
एक कप चाय में नींबू के रस और एक चम्मच शहद मिला लें इसका एक दिन में तीन से चार बार सेवन करे. खांसी ठीक करने में सहायक होगा.
खट्टा भोजन अचार, रसम, सॉस/केचअप, सांभर, टमाटर का सूप, सिरका, गोल गप्पे, इमली से दूरी बना कर रखे ये विपरीत प्रभाव डालते है.
ठंडे और वायु युक्त पेय कोक, फेन्टा, फू्रटी, लिम्का, माजा, पेप्सी आदि के सेवन से बचे और फलों के रस, खासकर स्ट्रिस फलों जैसे संतरा और मौसमी के रस का सेवन नुकसान पंहुचा सकता है. ठंडा पानी, आईस क्रीम, दही, लस्सी आदि का भी उपयोग नहीं करे. सामान्य तापमान में ताजा मीठा दही का सेवन नुकसान नहीं करेगा.
खांसी और गले में दर्द है तो नहाने से पहले दालचीनी को गुनगुने पानी में डाल दें और उस जल से स्नान करे आपको लाभ होगा.
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