आरबीआइ के कार्यकारी निदेशक पी वासुदेवन ने शुक्रवार को कहा कि क्रिप्टोकरेंसी को मुद्रा नहीं कहा जा सकता है क्योंकि इनका अपना कोई मूल्य नहीं है। आरबीआइ लंबे समय से बिटकाइन जैसी नए जमाने की मुद्राओं का आलोचना करता रहा है। आरबीआइ का कहना है कि यह वित्तीय प्रणालियों के लिए प्रणालीगत जोखिम पैदा करती हैं।
भारत में बिटकॉइन को कोई कानूनी मान्यता नहीं
आइआइएम कोझिकोड के एक कार्यक्रम में वासुदेवन ने कहा कि आखिरकार यह फैसला सरकार को लेना है कि क्रिप्टोकरेंसी से कैसे निपटा जाए। अभी भारत में बिटकॉइन को कोई कानूनी मान्यता नहीं है और निवेशकों को इसमें निवेश से होने वाली आय पर टैक्स देना पड़ता है।
पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर की गई कार्रवाई और कुछ अंतरराष्ट्रीय कार्डप्रदाताओं पर लगाए गए प्रतिबंधों को लेकर वासुदेवन ने कहा कि स्व-नियमन फिनटेक क्षेत्र की बेहतर सुरक्षा कर सकता है। उन्होंने कहा कि बुरे व्यवहार को उजागर करने के लिए तंत्र पर गौर किया जा सकता है।