भारतीय लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल का मानना है कि पुलवामा जैसे आतंकी हमलों को खत्म करने के लिए देश को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए. उन्होंने हालांकि यह कहने से इनकार कर दिया कि पाकिस्तान के खिलाफ विश्व कप मैच का बहिष्कार किया जाना चाहिए या नहीं.
पुलवामा हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद गए थे जो जम्मू-कश्मीर में पिछले 30 साल में सबसे घातक आतंकी हमला है. इस बीच मांग उठने लगी है कि भारत को 30 मई से इंग्लैंड में होने वाले विश्व कप में पाकिस्तान के खिलाफ मैच खेलने से इनकार कर देना चाहिए.
‘इसे एक बार में ही खत्म कर देना चाहिए. हम इसे और बर्दाश्त नहीं कर सकते.’उन्होंने कहा, ‘हर तीन महीने में सुनने को मिलता है कि हमारे जवानों ने आतंकी हमले में जान गंवा दी और हम चीजों के होने का इंतजार नहीं कर सकते. हमें चीजें करनी होंगी और हमें आमने-सामने इसका जवाब देना होगा, फिर चाहे इसका मतलब आर-पार की लड़ाई (जंग के मैदान में) क्यों न हो.’
पाकिस्तान से संचालित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है, जिसके बाद दोनों देशों के बीच राजनीतिक तनाव बढ़ गया है. भारत को विश्व कप के दौरान 16 जून को ओल्ड ट्रैफर्ड में पाकिस्तान से खेलना है और 28 साल के इस लेग स्पिनर ने कहा कि यह फैसला बीसीसीआई को करना है कि भारत को इस टूर्नामेंट में चिर प्रतिद्वंद्वी टीम का बहिष्कार करना चाहिए या नहीं.
उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान के खिलाफ विश्व कप मैच खेलने का फैसला बीसीसीआई और सरकार द्वारा लिया जाना चाहिए. एक या दो खिलाड़ी फैसला नहीं कर सकते लेकिन मुझे लगता है कि समय आ गया है और हमें आतंक के सरगनाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी होगी.’
भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज चेतन चौहान का मानना है कि बीसीसीआई को आईसीसी पर दबाव बनाकर पाकिस्तान को टूर्नामेंट से बाहर कर देना चाहिए. उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री चौहान ने कहा, ‘हमारे पास सिर्फ एक मैच में नहीं खेलने का विकल्प नहीं है, क्योंकि संभावना है कि हमारा सेमीफाइनल या फाइनल में भी सामना हो सकता है. ऐसे मामले में हमें या तो विश्व कप से हटना होगा या पूरा टूर्नामेंट खेलना होगा.’
उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि भारत आईसीसी के वैश्विक प्रायोजन बाजार का 60 से 70 प्रतिशत हिस्सेदार है. इसलिए बीसीसीआई को आईसीसी पर दबाव बनाना चाहिए और पाकिस्तान को विश्व कप से बाहर करने का प्रयास करना चाहिए.’