अर्डर्न ने रविवार को पत्रकारों ने कहा, ‘मैं उन 30 लोगों में से एक हूं जिन्हें हमले से नौ मिनट पहले घोषणापत्र मेल किया गया था।’ उन्होंने कहा, ‘इसमें स्थान या अन्य विशिष्ट जानकारियां नहीं दी गई थीं।’ अर्डर्न ने कहा कि इस मेल को दो मिनट के भीतर ही सुरक्षा सेवाओं को भेज दिया गया था।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने लंबे, अस्पष्ट और साजिश से भरे घोषणापत्र को पढ़ा था। उन्होंने कहा, ‘तथ्य यह है कि यह इस हमले से जुड़ा एक चरमपंथी दृष्टिकोण वाला वैचारिक घोषणापत्र था, यह बेहद तकलीफदेह है।’
शुक्रवार को बंदूकधारियों ने क्राइस्टचर्च की दो मस्जिदों पर हमला करके 49 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। मरने वालों में महिलाएं और बच्चों सहित 7 भारतीय भी शामिल हैं। वारदात को अंजाम देने वाले हमलावर की पहचान ऑस्ट्रेलियाई नागरिक के तौर पर हुई है जो फिलहाल पुलिस की हिरासत में है।
हमलावर को शनिवार को कोर्ट में पेश किया गया था। जब उसे कोर्ट लाया गया तो उसने सबको हैरान कर दिया। दरअसल, अपने इस कृत्य के लिए किसी तरह का पछतावा जताने की बजाए वह कोर्ट में खड़ा मुस्कुरा रहा था। पुलिस ने आस्ट्रेलिया में जन्मे 28 वर्षीय ब्रेंटन टेरेंट को हाथ में हथकड़ी और कैदियों वाली सफेद रंग की कमीज पहनाकर अदालत में पेश किया था।
जज ने उसके खिलाफ हत्या के आरोप तय कर दिए हैं। उस पर और भी आरोप लगाए जा सकते हैं। इसके बाद कोर्ट ने हमलावर को अगली सुनवाई तक हिरासत में भेज दिया। टेरेंट ने शुक्रवार को दो मस्जिदों में गोलीबारी कर 49 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। इस हमले में बांग्लादेश की क्रिकेट टीम बाल-बाल बच गई थी।
हमलावर पूर्व फिटनेस ट्रेनर है। पेशी के दौरान उसने कई बार अदालत में मौजूद मीडिया की ओर देखा। वह लगातार मुस्कुरा रहा था। सुरक्षा कारणों के चलते सुनवाई बंद कमरे में हुई। उसने जमानत की कोई अर्जी नहीं दी है। 5 अप्रैल को होने वाली अगली सुनवाई तक उसे हिरासत में रखा जाएगा।