यौन संचारित रोग( एसटीडी) संक्रमण है कि यौन संपर्क के माध्यम से एक संक्रमित व्यक्ति के द्वारा दूसरे व्यक्ति में फैलता है और इन्हें यौन संचरित संक्रमण( एसटीआई) भी कहा जाता है। एसटीडी योनि संभोग के द्वारा मुख्य रूप से प्रसारित होने के साथ साथ मौखिक और गुदा सेक्स भी होता है। यह जरूरी नहीं है कि यौन संचारित रोग( एसटीडी) केवल सम्भोग के द्वारा ही फैलते हैं, कभी- कभी कुछ यौन संचारित रोग संक्रमित सुइयों के इस्तेमाल, गर्भ धारण के समय माँ के द्वारा बच्चे और संक्रमित व्यक्ति के रक्ताधान(ब्लड ट्रांसफ़्यूजन) से भी फ़ैल सकता है।
यौन रोग के कारण
संभोग के दौरान नर या मादा जननांग क्षेत्र की त्वचा या बलगम झिल्ली पर मौजूद या वीर्य, योनि स्राव या खून के द्वारा सूक्ष्मजीव संक्रमित व्यक्ति के शरीर से दूसरे व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करके उसे भी संक्रमित बना देते है। यह सूक्ष्मजीव मुख्यतः दो प्रकार के होते है और इनसे होने वाले यौन संचारित रोग भी अलग अलग होते है।
- वायरस: इनमे मुख्य रूप से एचआईवी, हेपेटाइटिस बी, जटिल दाद(herpes complex) और मानव पैपिलोमा वायरस(एचपीवी) आते है।
- जीवाणु या बैक्टीरिया: सूजाक(gonorrhea) , क्लैमाइडिया और उपदंश (syphilis)
यौन रोग किन्हें हो सकता है
कोई भी इंसान या व्यक्ति जो असुरक्षित संभोग या संपर्क में संलिप्त है, उसे यौन संचारित रोग( एसटीडी) होने का खतरा सबसे अधिक है और हालांकि, जोखिम कुछ समूहों के व्यक्ति में होने की संभावना अधिक है।
- जिनके कई यौन पार्टनर है।
- जिनके पार्टनर के कई यौन पार्टनर रह चुके है।
- जिन्हें सम्भोग के दौरान कंडोम के इस्तेमाल से परहेज है।
- जिनके पार्टनर को सम्भोग के दौरान कंडोम के इस्तेमाल से परहेज है।
- सेक्स वर्कर्स।
- नशीली दवाओं के आदि जो उच्च जोखिम वाले यौन व्यवहार का अभ्यास करते है।
- समलैंगिक यौन सम्भोग।
यौन रोग के लक्षण को जानने के लिए
यौन रोग के लक्षण
एसटीडी के लक्षण संक्रमण के प्रकार के साथ अलग-अलग हो सकते है और कभी कभी एसटीडी के कोई भी लक्षण संक्रमित व्यक्ति को नहीं होते हैं और अगर होते है वे एक या अधिक प्रकार के हो सकते और इनमे से कोई भी लक्षण अगर आपको दिखाई दे तो तुरंत चिकित्सक की सलाह ले।
- लिंग या योनि से स्राव या बहाव। योनि स्राव में एक गंध का होना
- जननांग के आसपास खुजली
- संभोग के दौरान या जब पेशाब करते समय दर्द का अनुभव और यह दर्द या तो बहुत अत्याधिक होगी या इसमें आपको जलन महसूस होगी या हल्का भी हो सकता है
- जननांग क्षेत्र, गुदा, मुंह, जीभ या गले के चारों ओर दर्दरहित लाल फोड़ो का होना
- जननांग क्षेत्र के आसपास के छाले जो बाद में पपड़ी में बदल सकते है
- हेपेटाइटिस के संक्रमण के मामले में, मूत्र काले रंग और हलके चूने का रंग का मल सकता है और आँखों, नाखुनों के पौर और त्वचा में पीलापन का आना
- एचआईवी संक्रमण में लोगों को एड्स के ओर अग्रसर होना, वजन कम होना , बार बार संक्रमण का होना, रात को पसीने का आना और थकान का होना
- मासिक धर्म के अलावा योनि से रक्त स्राव का होना
- सेक्स के दौरान दर्द का अनुभव
यौन रोग के प्रकार को जानने के लिए
यौन रोग के प्रकार
वैसे 20 से ज्यादा प्रकार के यौन संचारित रोग( एसटीडी) दुनिया में है और इनमे से कुछ बहुत ही ज्यादा हानिकारक और घातक है तो कुछ बहुत ही सौम्य है। आइये जाने कौन-कौन से यौन संचारित रोग है और उनके विशेष लक्षण क्या होते है
1) एचआईवी / एड्स:
जब कोई इंसान मानव रोगक्षमपयॉप्तता विषाणु (Human Immunodeficiency Virus) से ग्रषित होता है तो उसे एचआईवी पॉजिटिव कहते है मगर इसका यह अर्थ नहीं है कि उस इंसान को एड्स है। अगर एक बार आप एचआईवी से संक्रमित हो गए तो आपका शरीर हमेशा के लिए इससे ग्रषित रहता है जबकि दूसरे वायरस से आप संक्रमित होने के बाद ठीक हो सकते है। एचआईवी हमारे शरीर के रोग प्रतिरोघक प्रणाली (Immune System) पर हमला करता है विशेष रूप से CD4 सेल्स (T सेल्स) जो संक्रमण से लड़के में शरीर की मदद करता है और अगर इसका इलाज़ नहीं करवाया जाए तो हमारे शरीर में CD4 सेल्स की संख्या इतनी कम हो जाती है कि शरीर में संक्रमण और बीमारी से लड़ने की क्षमता खत्म हो जाती है और इस बात का संकेत होता है कि आपको अब एड्स हो गया है।
2) सूजाक:
सूजाक (Gonorrhea) एक यौन संचारित रोग (एसटीडी) है जो पुरुषों और महिलाओं,दोनों को संक्रमित कर सकता हैं और यह मुख्यतः संभोग करने से एक इंसान से दूसरे इंसान में प्रसारित होता है। सूजाक से संक्रमित गर्भवती महिला प्रसव के दौरान अपने बच्चे को संक्रमण दे सकती हैं। अगर इसका इलाज़ अच्छे ढंग से ना करवाया जाए तो संक्रमित इंसान नपुंसक भी बन सकता है। सबसे आम लक्षण यह है कि मूत्र त्याग करते समय जलन होना और लिंग /योनि से हरे पीले या सफेद स्राव होना ।