गाजा पट्टी एक फिलिस्तीनी क्षेत्र है. यह मिस्त्र और इजरायल के मध्य भूमध्यसागरीय तट पर स्थित है. फिलिस्तीन अरबी और बहुसंख्य मुस्लिम बहुल इलाका है. इस पर हमास द्वारा शासन किया जाता है जो इजरायल विरोधी आतंकवादी समूह है.
अभी-अभी: पीएम मोदी ने की ये बड़ी घोषणा, 70 साल बाद सत्ता के हर केंद्र पर होगा….
फिलिस्तीन और कई दूसरे मुसलमान देश इजराइल को यहुदी राज्य के रूप में मानने से इनकार करते हैं. 1947 के बाद जब UN ने फिलिस्तीन को यहुदी और अरब राज्य में बांट दिया था जिसके बाद से फिलिस्तीन और इजराइल के बीच संर्घष जारी है.
इसमें एक अहम मुद्दा इसे राज्य के रूप में स्वीकार करने का है तो दूसरा गाजा पट्टी का है जो इजराइल की स्थापना के समय से ही इजरायल और दूसरे अरब देशों के बीच संघर्ष का कारण साबित हुआ है.
जून 1967 के युद्ध के बाद इजरायल ने फिर से गाजा पट्टी पर कब्जा कर लिया. इसके बाद इजरायल ने 25 सालों तक इस पर कब्जा बनाए रखा, लेकिन दिसंबर 1987 में गाजा के फिलिस्तिनियों के बीच दंगों और हिंसक झड़प ने एक विद्रोह का रूप ले लिया.
1994 में इजरायल ने फिलिस्तीन लिबरेशन ऑर्गेनाइजेशन (पीएलओ) द्वारा हस्ताक्षरित ओस्लो समझौते की शर्तों के तहत फिलिस्तीनी अथॉरिटी (पीए) को गाजा पट्टी में सरकारी प्राधिकरण का चरणबद्ध स्थानांतरण शुरू किया.
साल 2000 की शुरुआत में, पीए और इजरायल के बीच वार्ता नकाम होने के कारण हिंसा अपने चरम पर पहुंच गया, जिसे खत्म करने के लिए इजरायल के तत्कालीन प्रधानमंत्री एरियल शेरोन ने एक योजना की घोषणा की. इसके तहत गाजा पट्टी से इजरायल सैनिकों को वापस हटने और स्थानीय निवासियों को बसाने था.
सितंबर 2005 में इजराइल ने क्षेत्र से पलायन पूरा कर लिया और गाजा पट्टी पर नियंत्रण को पीए में स्थानांतरित कर दिया गया. हालांकि, इजरायल ने क्षेत्ररक्षा और हवाई गश्त को जारी रखा.