Apple के iMessage अब पहले से ज्यादा सिक्योर हो जाएंगे। कंपनी ने Quantum-Secure Cryptography को पेश किया है, जो एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन से नेक्स्ट लेवल सिक्योरिटी ऑफर करेगा।
मैसेजिंग ऐप एंड- टू-एंड एंक्रिप्शन के साथ चैट सुरक्षित और प्राइवेट होने का दावा करती हैं। iMessage, WhatsApp और सिग्नल जैसे लगभग सभी मैसेजिंग ऐप आपकी चैट को प्राइवेट रखने के लिए इसका उपयोग करते हैं। यह इन मैसेज को सिक्योर रखने के लिए एक सीक्रेट कोड की तरह काम करता है ताकि कोई और उन्हें पढ़ न सके।
मगर समय के साथ बढ़ती और विकसित होती टेक्नोलॉजी के कारण अब ये सुविधा कमजोर होते नजर आ रही है।क्वांटम कंप्यूटर लेटेस्ट टेक्नोलॉजी के साथ और बेहतर और शक्तिशाली हो जा रहे हैं, जिसके चलते ये बड़े आसानी एक ही बार में प्राइवेसी कोड को तोड़ने में संभव हैं।
Quantum-Secure Cryptography के साथ Apple ने अपने सिक्योरिटी सिस्टम को और मजबूत कर लिया है। यह लेटेस्ट सीक्रेट कोड पर आधारित है, जसे क्रैक करना क्वांटम कंप्यूटर के लिए आसान नहीं होगा। Apple ने इसकी जानकारी अपने ब्लॉग पोस्ट में दी है।
कैसे काम करती है क्वांटम-सुरक्षित क्रिप्टोग्राफी?
- एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन सिस्टम गणितीय समस्याओं पर निर्भर करते हैं, जिन्हें सुपर कंप्यूटर के द्वारा भी हल करना लगभग असंभव है।
- मगर क्वांटम कंप्यूटर इस गणना को आसानी से करने का दावा करता है। ये फ्रैक्शन जैसी समस्याओं को भी आसानी से हल कर सकता है और इसके लिए अजीब क्वांटम फिजिक्स की घटनाओं का उपयोग करते हैं।
- भले ही ये समस्या अभी कई साल दूर है, लेकिन इसके लिए तैयार रहना बहुत जरुरी है। इसलिए क्रिप्टोग्राफर पहले से ही क्वांटम हमलों के लिए प्रतिरोधी नई तकनीक विकसित कर रहे हैं। अब अगर इसे समझना चाहते हैं तो हम यहां आपको इसके बारे में बताएंगे।
- साधारण शब्दों में कहे तो एंक्रिप्शन मैसेज को मैनेज करने के लिए कठित गणित की समस्याओं का उपयोग करता है, जिसे हल करना इतना आसान नहीं होता है। हालांकि भविष्य के क्वांटम कंप्यूटर इस तरह के गणना को आसानी से हल कर सकता है।
- इस समस्या से बचने के लिए वैज्ञानिकों ने नए क्वांटम-सिक्योर कोड का आविष्कार किया है। ये क्वांटम-सिक्योर कोड भूलभुलैया की तरह अजीब बहुआयामी ज्यामिति में डेटा प्वाइंट को छिपाते हैं। ऐसे में इस सिक्योरिटी को तोड़ने के लिए क्वांटम कंप्यूटर को अभी भी बड़ी संख्या में कॉम्बिनेशन बनाने होंगे और अनुमान लगाने होंगे। इससे आपका मैसेज और अन्य जरूरी जानकारी निजी स्तर पर सुरक्षित रहेगी ।
मैसेजिंग ऐप्स में कैसे काम करती है क्रिप्टोग्राफी?
- ये क्वांटम-सिक्योर कोड डेटा को एन्क्रिप्ट करने के लिए संख्याओं के बजाय आकृतियों का उपयोग करना है। लेकिन क्वांटम कंप्यूटर अजीब भौतिकी का उपयोग करके संख्याओं को हासिल कर सकते हैं।
- ऐसे में ये क्वांटम-सिक्योर कोड में आकृतियां अजीब आयामों में रहती हैं, जिनका आकार कुछ-कुछ भूलभुलैया जैसा होता है।इन संरचनाओं के अंदर छिपे डेटा को पाना इतना आसान नहीं हैं।
- इस नए तकनीक के साथ निजी संदेश भेजते समय ऐप्स उन्हें संख्यात्मक कोड के बजाय इन क्वांटम-प्रूफ हाइपर-भूलभुलैया के भीतर छिपा देते हैं। जिस कारण से अधिक सुरक्षित हो जाते हैं।
- Apple के पास क्वांटम हैकिंग के खिलाफ खास फ्यूचर -प्रूफ iMessage है। अन्य लोकप्रिय चैट ऐप्स अभी भी काफी हद तक गणित की तरकीबों पर निर्भर हैं, क्वांटम कंप्यूटर जल्दी ही उन पर हावी हो सकते हैं।
- जल्द ही iPhones, iPads, Macs और Watches के लिए Apple लेटेस्ट अपडेट – iOS 17.4, iPadOS 17.4, macOS 14.4 और watchOS 10.4 – इस नए PQ3 क्रिप्टोग्राफिक प्रोटोकॉल को iMessage में लाएगा।