भाजपा सांसद सुजीत कुमार ने बांग्लादेश और पाकिस्तान के नए गठजोड़ पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने भारत के प्रति बांग्लादेश के रुख की निंदा की। सुजीत कुमार ने भारत और बांग्लादेश के बीच तनाव बढ़ाने में चीन की भूमिका की आशंका जताई है।
बांग्लादेश ने भारत विरोधी रुख अपनाया
सियांग वार्ता 2.0 के दौरान सुजीत कुमार ने कहा कि बांग्लादेश ने खुले तौर पर भारत विरोधी रुख अपनाया है और अब उसने पाकिस्तान के साथ साझेदारी भी की है। चीन भी मुश्किल हालात में फायदा उठाने की कोशिश करेगा। यही वजह है कि चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश की यह दुष्ट धुरी परेशान करती है। अगर यह धूरी बनती है तो भारत के लिए बहुत चिंताजनक होगा।
मुहम्मद यूनुस ने आंख मूंद रखी
भाजपा सांसद ने कहा कि बांग्लादेश में अवामी लीग के कार्यकर्ताओं, अल्पसंख्यकों खासकर हिंदुओं पर हमले निंदनीय है। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि बांग्लादेश में स्थिति सामान्य हो। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस ने अल्पसंख्यकों पर हमले के मामले में आंख मूंद रखी है। सुजीत कुमार ने कहा कि बांग्लादेश के घटनाक्रम पर कड़ी नजर है। हम बांग्लादेश में जल्द स्थिति सामान्य होने की उम्मीद करते हैं।
एक चीन नीति को चुनौती
भारत में ताइपे आर्थिक और सांस्कृतिक केंद्र के उप प्रतिनिधि रॉबर्ट हसीह बोर-हुई ने दिल्ली में सियांग डायलॉग 2.0 में चीन की लंबे समय से चली आ रही ‘एक चीन नीति’ को चुनौती दी। फॉरेन कॉरेस्पोंडेंट्स क्लब ऑफ साउथ एशिया में रेड लैंटर्न एनालिटिका द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में वैश्विक विशेषज्ञ, नीति निर्माता और शिक्षाविदों ने हिस्सा लिया। यहां उन्होंने दुनिया को आकार देने वाली भू-राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा चुनौतियों पर चर्चा की।
एक चीन नीति घोटाला है
रॉबर्ट हसीह बोर-हुई ने चीन की वन चाइना पॉलिसी के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने इसे घोटाला करार दिया। उन्होंने कहा कि वन चाइना सिद्धांत यह है कि केवल एक चीन है और पीआरसी चीन की एकमात्र कानूनी सरकार है। ताइवान चीन का हिस्सा है। रॉबर्ट ने कहा कि 1949 से दो चीन हैं।
एक आरओसी ताइवान में चीन गणराज्य और दूसरा पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (पीआरसी) है। अगर पीआरसी चीन की एकमात्र कानूनी सरकार है तो ताइवान कभी पीआरसी का हिस्सा नहीं हो सकता। इसलिए वन चाइना सिद्धांत एक घोटाला है।