शवयात्रा में जाने से बढ़ता है पुण्य..
किसी की शवयात्रा में शामिल होने से पुण्य बढ़ता है, ऐसी मान्यता है। शवयात्रा में शव को कंधा देने पर अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है, लेकिन ये पुण्य सिर्फ पुरुषों को मिलता है, महिलाओं को नहीं।
तो आइये जानते है की महिलाओं के लिए क्यों मना है श्मशान जाना..
माना जाता है कि श्मशान में नकारात्मक शक्तियों का वास होता है। अगर कोई कमजोर मानसिक स्थिति वाला व्यक्ति वहां जाता है तो ये शक्तियां उस पर हावी हो सकती है। जिससे दिमागी बीमारी होने की संभावनाएं रहती हैं।
महिलाएं मन से कमजोर होती हैं और बुरी शक्तियां इनकी ओर ज्यादा आकर्षित होती हैं। इस कारण श्मशान जाने पर महिलाओं को मानसिक बीमारी हो सकती है।
श्मशान में अंतिम संस्कार की क्रिया देखना, शव को जलते देखना महिलाओं के लिए बहुत मुश्किल हो सकता है।
इंसान की मृत्यु के बाद शव के आसपास नकारात्मकता बढ़ जाती है। सूक्ष्म कीटाणु बढ़ने लगते हैं, जो कि हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं।
श्मशन में जब शव जलाते हैं तब जो धुआं उठता है उसमें भी हानिकारक सूक्ष्म कीटाणु रहते हैं, धुएं साथ ये श्मशान में फैल जाते हैं और वहां मौजूद लोगों के शरीर पर चिपक जाते हैं। इसी वजह से शवयात्रा से लौटकर नहाना जरूरी होता है।