कोरोना से सम्बंधित ब्लैक फंगस के इलाज के लिए एंटी-फंगल दवा को अनुमति

मुंबई की एक बायो-फार्मास्युटिकल कंपनी को भारतीय दवा महानियंत्रक (डीजीसीआइ) से ब्लैक फंगस या म्यूकॉरमाइकोसिस बीमारी के इलाज में एंटी-फंगल दवा के इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई है। हाल में यह फंगस कोरोना वायरस से ठीक हो चुके लोगों में देखने को मिला है।

भारत सीरम एंड वैक्सीन (बीएसवी) लिमिटेड देश की पहली कंपनी बन गई है, जिसे दवा नियामक से म्यूकॉरमाइकोसिस के इलाज में एंटी-फंगल दवा लिपोसोमल एंफोटेरिसिन बी या एलएएमबी के इस्तेमाल की अनुमति मिली है। कंपनी के सीओओ विश्वनाथ स्वरूप ने कहा कि एंटी फंगल दवा ब्लैक फंगस को सर्जरी की अवस्था तक पहुंचने से रोक सकती है। उन्होंने कहा कि बीएसवी घरेलू स्तर पर इस दवा को विकसित कर रही है।

विशेषज्ञों के मुताबिक ब्लैक फंगस से संक्रमित होने वाले व्यक्ति को अगर दो दिनों तक इलाज नहीं मिलता है तो उसकी आंखों की रोशनी जा सकती और यहां तक उसकी मौत भी हो सकती है। यह फंगस नाक से होते हुए बलगम में मिलकर नाक की चमड़ी में चला जाता है।

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