सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को कोरोना वायरस संक्रमण से बचने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के दिशा-निर्देशों के हो रहे उल्लंघन पर चिंता जताई। इसके साथ ही अदालत ने इन नियमों को सख्ती से लागू करने के लिए सुझाव भी मांगे।
न्यायाधीश अशोक भूषण की अगुवाई वाली पीठ ने केंद्र सरकार और अन्य हिस्सेदारों की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि फेस मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन किस तरह से पूरी तरह सुनिश्चित किया जा सकता है, इस पर सुझाव दें।
इसके अलावा पीठ ने हिमाचल प्रदेश सरकार से राज्य में कोविड-19 के मरीजों के इलाज से संबंधित सुविधाओं और इसके लिए उपलब्ध बुनियादी ढांचे को लेकर एक स्थिति रिपोर्ट जमा करने के लिए कहा। इस पीठ में न्यायाधीश आर सुभाष रेड्डी और न्यायधीश एमआर शाह भी शामिल थे।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई सुनवाई में अदालत ने कहा कि उसे हिमाचल प्रदेश में कोविड-19 के मरीजों के इलाज के लिए आवश्यक सुविधाओं के अभाव की जानकारी मिली है। इसी को लेकर अदालत ने हिमाचल सरकार को स्थिति रिपोर्ट जमा करने का आदेश जारी किया है।
इससे पहले अदालत ने आज देश में और खास कर दिल्ली में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को लेकर चिंता जताई थी। सर्वोच्च अदालत ने कहा था कि जबकि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना संक्रमण महामारी की स्थिति बिगड़ी है, गुजरात में स्थिति नियंत्रण से बाहर चली गई है।