संसद का मानसून सत्र अगले हफ्ते तय समय से पहले ही खत्म हो जाएगा। कोरोना के बढ़ते खतरे के मद्देनजर शनिवार को हुई कार्यमंत्रणा समिति (बीएसी) की बैठक में सभी दलों ने इस पर सहमति दी है। सरकार की योजना सभी अध्यादेशों को जल्द से जल्द कानूनी जामा पहनाने के तत्काल बाद सत्र को समाप्त करने की है।
बीएसी के एक सदस्य ने बताया कि सरकार की ओर से सत्र को समय से पूर्व खत्म करने का प्रस्ताव बैठक में लाया गया। इसमें सत्र के दौरान दो मंत्रियों और एक सांसद के कोरोना पॉजिटिव होने का हवाला दिया गया।
इसके बाद बीएसी के सभी सदस्यों ने सत्र को समय से पूर्व खत्म करने पर सहमति दी। माना जा रहा है कि सरकार बुधवार को बाकी बचे अध्यादेशों और अनुदान मांगों पर संसद की मुहर लगाने के बाद सत्र को समाप्त कर देगी।
दरअसल बीते 14 सितंबर से शुरू हुए मानसून सत्र की शुरुआत से ही भय का माहौल था। चूंकि दो सत्रों के बीच छह महीने की अवधि से ज्यादा अंतर नहीं होना चाहिए, इसलिए सत्र का आयोजन सरकार की मजबूरी थी। फिर सरकार को बजट सत्र के दूसरे हिस्से के बाद जारी 13 अध्यादेशोंं को कानूनी जामा भी पहनाना था।
इसी बीच जब सत्र के दौरान केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, प्रहलाद पटेल और भाजपा सांसद विनय सहस्त्रबुद्घे कोरोना पॉजिटिव हुए तो सरकार की चिंता बढ़ गई। गौरतलब है कि इन मंत्रियों और सांसद ने संसद की कार्यवाही में हिस्सा भी लिया था।
गडकरी और पटेल की रिपोर्ट सत्र से पहले कोरोना निगेटिव आई थी। सहस्त्रबुद्घ के साथ भी ऐसा ही था। ये सभी सत्र के दौरान कोरोना पॉजिटिव हुए।
ऐसे में किसी को पता नहीं है कि इनके संपर्क में आए कितने लोग संक्रमित हुए। और यह भी कि ये सभी कहीं संसद भवन में ही किसी कोरोना पॉजिटिव के संपर्क में तो नहीं आए। इसके बाद सरकार के स्तर पर सत्र को समय से पूर्व खत्म करने पर मंथन का सिलसिला शुरू हुआ।