कोविड-19 की रोकथाम और उपचार के लिए होम्योपैथिक दवा के क्लीनिकल ट्रायल को दिल्ली सरकार ने सैंद्धांतिक मंजूरी दे दी है। सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि दो होम्योपैथिक डॉक्टरों की ओर से इस संबंध में प्रस्ताव को मंजूर कर लिया गया है, अब आयुष मंत्रालय के दिशनिर्देशों का इंतजार है।
दिल्ली सरकार ने कहा कि ट्रायल के लिए आगे बढ़ने को संस्थागत आचार समिति (आईईसी) से मंजूरी के साथ-साथ रोगी के संबंध में ब्योरा सहित क्लीनिकल ट्रायल के लिए रजिस्ट्री इंडिया का सहमति पत्र और परीक्षण के लिए रजिस्ट्रेशन भी जरूरी है। सरकार ने अदालत को बताया कि दिल्ली सरकार के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र आयुष निदेशालय पर इसका कोई वित्तीय प्रभाव नहीं होगा। इसके लिए आयुष मंत्रालय की ओर से वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
केरल के डॉ. रवि एम नायर और पश्चिम बंगाल के डॉ. अशोक कुमार दास की याचिका के जवाब में कहा कि केंद्र, दिल्ली सरकार और सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन होम्योपैथी (सीसीआरएच) से ट्रायल के लिए सहमति मांगी गई थी। वकील सुविदत्त सुंदरम की ओर से दायर याचिका में दोनों डॉक्टरों ने मांग की है कि डॉक्टरों को एलोपैथिक के पूरक दवाओं के तौर पर कोविड-19 के इलाज के लिए रोगियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए होम्योपैथिक दवा का वितरण किया जाए।
दिल्ली सरकार के वकील ने अपनी स्टेटस रिपोर्ट में अदालत को बताया कि याचिकाकर्ताओं को इस सिलसिले में 17 जुलाई को मंजूरी मिल गई थी। पीठ ने यह भी बताया कि इस साल मई में कोविड-19 संक्रमण से सुरक्षा और इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए दवा की होम्योपैथिक प्रणाली के तहत चरणों में जांच और सुझाव के लिए पांच सदस्यीय सलाहकार समिति का गठन किया।
समिति की सिफारिशों के मुताबिक दिल्ली सरकार ने इसके लिए अध्ययन कर रही है। इसमें दवा के प्रभाव का आकलन किया जा रहा है ताकि क्लीनिकल ट्रायल किया जा सके। कमेटी की देखरेख में इसके लिए अध्ययन के तहत 15,000 व्यक्तियों के सैंपल शामिल किए गए हैं। अदालत ने दिल्ली सरकार से पूछा कि दो डॉक्टरों की बजाय कोविड -19 की रोकथाम और इलाज के लिए होम्योपैथिक दवाओं के क्लीनिकल परीक्षण के लिए अनुमति सरकार की ओर से क्यों नहीं ली गई।
डॉक्टरों ने अपनी दलील में कहा कि जून में सीसीआरएच की ओर से जानकारी दी गई थी कि राज्य सरकारों को इसके लिए आगे पहल करनी पड़ेगी। परीक्षणों के लिए सीसीआरएच से जून में संपर्क करने के बाद दिल्ली सरकार को भी पत्र लिखा गया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।