केंद्र सरकार अपने रिटायर्ड कर्मियों को अनुबंध पर नौकरी दे रही है। कोरोना काल में विभिन्न मंत्रालयों और विभागों से सेवानिवृत्त हुए अधिकारियों और कर्मियों को अनुबंध आधार पर नौकरी दी गई है। अनुबंध वाले पदों में निदेशक, सलाहकार और निजी सहायक से लेकर अनेक तकनीकी पद शामिल हैं।
अब मंत्रालयों से ऐसे सवाल पूछे जा रहे हैं कि अनुबंध आधार पर जो नौकरी दी जाएगी, उस व्यक्ति को पारिश्रमिक कितना दिया जाए। दूसरे भत्ते मिलेंगे या नहीं, वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने अब उन सभी नियमों का खुलासा कर दिया है। इसी आधार पर अनुबंध वाले कर्मियों के वेतन एवं भत्ते तय होंगे।
ऐसे कर्मी 65 वर्ष तक नौकरी कर सकेंगे। सरकारी कर्मियों की तरह इन्हें सभी भत्ते नहीं मिलेंगे, लेकिन उन्हें कार्यालय के काम से कहीं बाहर भेजा जाता है तो उसका टीए-डीए मिलेगा। डीओपीटी ने सूचित किया है कि इस संबंध में सचिवों की एक कमेटी गठित की गई है। वह इस बाबत एक ड्राफ्ट तैयार कर रही है।
व्यय विभाग के अनुसार, अनुबंध पर नियुक्ति पाने वाले रिटायर्ड कर्मियों का वेतन किसी भी सूरत में उनके द्वारा ली गई अंतिम तनख्वाह से ज्यादा नहीं होगा। खास बात है कि इस जोड़ में उनकी पेंशन और नई सेलरी, दोनों शामिल हैं। अनुबंध वाले कर्मियों को मासिक वेतन मिलेगा। वार्षिक वेतनवृद्धि नहीं रहेगी। अनुबंध पीरियड एक साल का रहेगा। चाहे कोई पूर्व कर्मी या अधिकारी कंसलटेंट नियुक्त होता है तो उसे भी वही वेतन मिलेगा।
मान लें किसी कर्मी को रिटायरमेंट पर 155900 रुपये वेतन मिला था। उसकी बेसिक पेंशन 77950 रुपये हो गई। अब अनुबंध वाली नौकरी में उसे 77950 रुपये का तय पारिश्रमिक मिलेगा। नौकरी की अवधि एक साल रहेगी और इस दौरान इंक्रीमेंट या डीए नहीं मिलेगा। हाउस रेंट अलाउंस भी नहीं दिया जाएगा। एक माह में डेढ़ दिन का अवकाश ले सकेंगे।
कामकाज ठीक रहा तो सेवा कार्यकाल में एक साल का अतिरिक्त विस्तार दिया जा सकता है। रिटायरमेंट के बाद यह अवधि पांच साल से ज्यादा नहीं बढ़ाई जाएगी। जब तक डीओपीटी का फाइनल ड्राफ्ट तैयार नहीं हो जाता है, तब तक केंद्र सरकार नियुक्ति के नियमों में बदलाव कर सकती है।