कोरोना वैक्सीन में प्रतिरक्षा बढ़ाने के लिए होगा अलहाइड्रोक्सीक्वीम का इस्तेमाल,

दवा निर्माता कंपनी भारत बायोटेक ने सोमवार को एलान किया कि वह अपनी कोरोना वैक्सीन की प्रतिरक्षा क्षमता बढ़ाने और उसे लंबे समय तक बरकरार रखने के लिए उसमें अलहाइड्रोक्सीक्वीम-दो का इस्तेमाल करेगी। अमेरिका के कैंसस स्थित वैक्सीन निर्माता कंपनी वायरो वैक्स अलहाइड्रोक्सीक्वीम-दो का उत्पादन करती है।

भारत बायोटेक की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि इस तकनीक का इस्तेमाल करने के लिए उसने वायरो वैक्स एलएलसी के साथ करार किया है। अलहाइड्रोक्सीक्वीम-दो एक सहायक पदार्थ है, जो टीके की दक्षता बढ़ाने के उद्देश्य से उसमें जोड़ा जाता है। कोवाक्सीन में इस सहायक पदार्थ को जोड़ने से न सिर्फ उसकी प्रतिरक्षा प्रोत्साहित होगी बल्कि लंबे समय तक बनी भी रहेगी।

भारत बायोटेक कोवाक्सीन के दूसरे चरण का कर रही है ट्रायल

भारत बायोटेक अपनी कोरोना वैक्सीन कोवाक्सीन के दूसरे चरण का क्लीनिकल ट्रायल कर रही है। कोवाक्सीन एक निष्कि्रय वैक्सीन है, जिसे पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (NIV) में सार्स-कोव-2 यानी कोरोना वायरस से निकाला गया है। कंपनी ने कहा है कि इस निष्कि्रय वैक्सीन में वायरो वैक्स के सहायक घटक अलहाइड्रोक्सीक्वीम को मिलाया जाएगा तब वह सही मायने में वैक्सीन या टीका बनेगा।

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